उत्तराखंड में नवंबर के मध्य तक बारिश न होने के कारण पहाड़ों से लेकर मैदानी जिलों तक सूखी ठंड लोगों को परेशान कर रही है। दिन और रात के तापमान में लगातार अंतर बढ़ रहा है। सुबह-शाम की तेज ठंड के साथ मैदानी इलाकों में कोहरे की चादर छाने लगी है। मौसम विज्ञानियों के अनुसार, फिलहाल राज्य में बारिश की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है, जिससे मौसम इसी तरह शुष्क बने रहने के आसार हैं।
पोस्ट-मानसून सीजन की सामान्य बारिश इस बार राज्य में नदारद है, जिससे नमी कम होने के साथ ठंड और अधिक महसूस हो रही है। दिन का अधिकतम तापमान गिरने लगा है, जबकि रात के न्यूनतम तापमान में भी लगातार कमी दर्ज की जा रही है। इससे लोगों को दिन में भी हल्की सर्दी और रात में कड़ाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, देहरादून में नवंबर में औसतन 9.5 मिमी बारिश दर्ज होती है, लेकिन इस बार अब तक एक बूंद बारिश नहीं हुई है। पूरे प्रदेश में औसतन 4.4 मिमी बारिश होनी चाहिए थी, जो अभी शून्य है। विशेषज्ञों का मानना है कि बारिश होने पर ही सूखी ठंड से राहत मिल सकेगी।
केंद्र द्वारा जारी पूर्वानुमान के मुताबिक 26 नवंबर तक प्रदेशभर में मौसम शुष्क रहने की संभावना है। इस दौरान पहाड़ी इलाकों में रात का पारा तेजी से लुढ़क सकता है, वहीं मैदानी हिस्सों में सुबह के समय घना कोहरा यातायात को प्रभावित कर सकता है।
बृहस्पतिवार को देहरादून का अधिकतम तापमान सामान्य से दो डिग्री अधिक 27.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य से एक डिग्री अधिक 11.4 डिग्री सेल्सियस रहा। तापमान में इस उतार-चढ़ाव के कारण मौसम में शुष्कता और अधिक बढ़ गई है।
मौसम वैज्ञानिक बताते हैं कि पहाड़ों में बर्फबारी और समतल क्षेत्रों में बारिश की कमी फिलहाल मौसम को सर्द और शुष्क बनाए हुए है। आगामी दिनों में तापमान और नीचे जा सकता है, जिसके चलते लोगों को ठंड से बचाव की तैयारियां पहले से ही करनी चाहिए।





