5 से 12 अक्टूबर तक आयोजित होगा 68वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन
नई दिल्ली। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अक्टूबर माह में बारबाडोस की राजधानी ब्रिजटाउन में होने वाले 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) में भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे। यह सम्मेलन 5 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक आयोजित होगा। सम्मेलन में सदस्य देशों के बीच संसदीय सहयोग, लोकतंत्र की मजबूती और पारदर्शिता जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।
वित्तीय पारदर्शिता पर होगा विशेष सत्र
लोकसभा सचिवालय के अनुसार, इस सम्मेलन के दौरान चुनावों में वित्तीय पारदर्शिता पर विशेष सत्र का आयोजन किया जाएगा। इसमें सदस्य देशों के अनुभव साझा किए जाएंगे और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं को और अधिक पारदर्शी बनाने के उपायों पर चर्चा होगी।
प्रतिनिधिमंडल में होंगे कई वरिष्ठ पदाधिकारी शामिल
भारतीय प्रतिनिधिमंडल में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश, विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों की विधानसभाओं के पीठासीन अधिकारी और सचिव भी शामिल होंगे। ओम बिरला सम्मेलन की आमसभा को “राष्ट्रमंडल: वैश्विक साझेदार” विषय पर संबोधित करेंगे। उनके संबोधन में भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं, वैश्विक सहयोग में संसद की भूमिका और अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों पर सामूहिक जिम्मेदारी जैसे मुद्दों पर प्रकाश डाला जाएगा।
सात कार्यशालाओं में भाग लेंगे भारतीय प्रतिनिधि
भारतीय संसदीय शिष्टमंडल के सदस्य सम्मेलन के दौरान आयोजित सात कार्यशालाओं में भी भाग लेंगे। इनमें “लोकतंत्र के समर्थन के लिए अपनी संस्थाओं को सुदृढ़ करना” और “प्रौद्योगिकी का उपयोग: डिजिटल परिवर्तन के माध्यम से लोकतंत्र का संवर्धन” जैसे विषय प्रमुख रहेंगे।
युवा गोलमेज सम्मेलन भी होगा आकर्षण का केंद्र
सम्मेलन के साथ-साथ एक युवा गोलमेज सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा। इसका विषय होगा – “सुरक्षित और स्वतंत्र रहकर उन्नति करना: गिरोह हिंसा से लेकर साइबर उत्पीड़न तक की आधुनिक चुनौतियों पर विजय पाने के लिए युवाओं को सशक्त बनाना”। इस सत्र में राष्ट्रमंडल देशों के युवा प्रतिनिधि आधुनिक चुनौतियों का सामना करने के लिए साझा दृष्टिकोण और नीतियों पर चर्चा करेंगे।