व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा था कि चीन के साथ टैरिफ पर वार्ता जल्द ही किसी समझौते पर पहुंचने वाली है। लेकिन चीन ने बृहस्पतिवार को अमेरिका संग कोई भी चर्चा होने से इन्कार करते हुए कहा कि द्विपक्षीय वार्ता में प्रगति के किसी भी दावे का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है। चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा, दोनों देश टैरिफ पर परामर्श या वार्ता नहीं कर रहे हैं और न ही किसी समझौते पर पहुंच रहे हैं।
विदेश मंत्रालय प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कहा, यह टैरिफ युद्ध अमेरिका द्वारा शुरू किया गया था। चीन की स्थिति सुसंगत और स्पष्ट है। अगर जरूरी हुआ तो हम लड़ेंगे। अगर अमेरिका बात करना चाहता है तो हमारे दरवाजे खुले हैं। बातचीत और वार्ता समानता, सम्मान और पारस्परिक लाभ पर आधारित होनी चाहिए। इसके अलावा चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने भी टैरिफ समझौते पर पहुंचने के लिए अमेरिका-चीन वार्ता के बारे में आई रिपोर्टों का खंडन किया और कहा है कि ऐसी रिपोर्टों का कोई तथ्यात्मक आधार नहीं है।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के प्रवक्ता हे यादोंग ने कहा, यदि अमेरिका वास्तव में इस मुद्दे हल चाहता है, तो उसे विश्व बिरादरी व घरेलू हितधारकों की तर्कसंगत आवाज सुनना चाहिए। चीन पर एकतरफा टैरिफ को पूरी तरह खत्म करना चाहिए और समान बातचीत के माध्यम से समाधान ढूंढना चाहिए।
जिनेवा। विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) ने कहा, अमेरिकी राष्ट्रपति की टैरिफ नीतियों में बदलाव और चीन के साथ गतिरोध इस वर्ष दुनियाभर में वस्तु व्यापार 0.2% की कम कर सकता है। यदि ट्रंप टैरिफ को जारी रखते हैं तो और अधिक क्षति होगी। उसने कहा, कड़े टैरिफ के बिना भी उत्तरी अमेरिका में व्यापार में गिरावट विशेष रूप से तेज होगी।