Wednesday, December 24, 2025

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बांग्लादेश हिंसा की गूँज अब संयुक्त राष्ट्र में: दीपू चंद्र दास की हत्या पर UN ने जताई गंभीर चिंता

न्यूयॉर्क/ढाका: बांग्लादेश में पिछले कुछ समय से जारी राजनीतिक और सांप्रदायिक हिंसा का मुद्दा अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुँच गया है। संयुक्त राष्ट्र (UN) ने बांग्लादेश में हो रही हिंसा की हालिया घटनाओं, विशेष रूप से सामाजिक कार्यकर्ता दीपू चंद्र दास की नृशंस हत्या पर कड़ा संज्ञान लिया है। संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान इस मामले पर गहरी चिंता व्यक्त की गई और बांग्लादेश सरकार से कानून व्यवस्था बहाल करने की अपील की गई।

दीपू चंद्र दास की हत्या पर UN का कड़ा रुख

संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता ने दीपू चंद्र दास की हत्या को मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन बताया है। UN ने इस बात पर जोर दिया कि किसी भी लोकतांत्रिक समाज में हिंसा और लक्षित हत्याओं के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। प्रवक्ता ने कहा कि इस घटना की निष्पक्ष और त्वरित जाँच की जानी चाहिए ताकि दोषियों को कानून के कठघरे में खड़ा किया जा सके।

अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर वैश्विक चिंता

बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ बढ़ती हिंसा पर संयुक्त राष्ट्र ने स्पष्ट संदेश दिया है कि सरकार को सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। UN की ओर से कहा गया कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय बांग्लादेश की स्थिति पर बारीकी से नजर रख रहा है। विशेष रूप से उन रिपोर्टों पर चिंता व्यक्त की गई जिनमें मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाए जाने की बात कही गई है।

शांति बनाए रखने की अपील

संयुक्त राष्ट्र ने बांग्लादेश के सभी पक्षों से संयम बरतने और हिंसा का मार्ग त्यागने की अपील की है। UN ने यह भी रेखांकित किया कि बोलने की आजादी और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का अधिकार बना रहना चाहिए, लेकिन यह किसी भी तरह की हिंसा या जान-माल के नुकसान का कारण नहीं बनना चाहिए।

अंतरराष्ट्रीय दबाव में बांग्लादेश प्रशासन

UN के इस हस्तक्षेप के बाद बांग्लादेश सरकार पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ गया है। स्थानीय प्रशासन ने दावा किया है कि वे दोषियों की पहचान करने और स्थिति को नियंत्रित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। हालांकि, मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि धरातल पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और सुरक्षा के कड़े इंतज़ामों की आवश्यकता है।

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