केंद्र सरकार ने बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं, मंदिरों और व्यवसायों को निशाना बनाने पर गहरी चिंता व्यक्त की है। सरकार ने कहा कि बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति पर उसकी करीबी नजर है। भारत किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार है। बांग्लादेश से लगती सीमा की निगरानी करने वाले सुरक्षा बलों को अत्यधिक सतर्क कर दिया गया है। मंगलवार को संसद के दोनों सदनों में बांग्लादेश की मौजूदा स्थिति पर विस्तार से जानकारी देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि पड़ोसी देश की स्थिति बेहद चिंताजनक है। भारत लगातार बांग्लादेश के मौजूदा शासन तंत्र के संपर्क में बना हुआ है। उन्होंने बताया कि आरक्षण के विरोध में शुरू हुआ छात्रों का आंदोलन सुप्रीम कोर्ट से हक में आए फैसले के बावजूद पीएम शेख हसीना के इस्तीफे की एक सूत्री मांग पर केंद्रित हो गया। 5 अगस्त को कर्फ्यू के बावजूद प्रदर्शनकारी ढाका में एकत्र हुए। हमारी समझ यह है कि सुरक्षा प्रतिष्ठान के नेताओं के साथ बैठक के बाद, प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देने का निर्णय लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि इस्तीफा देने के बाद शेख हसीना ने बहुत ही कम समय में, कुछ समय के लिए भारत आने की मंजूरी का अनुरोध किया। शायद वह लंदन या यूरोप के किसी अन्य देश में जाना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से हमें उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध मिला। इसके बाद शेख हसीना बांग्लादेश वायुसेना के विमान से सोमवार की शाम दिल्ली पहुंचीं। उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश के सेना प्रमुख ने वहां की कमान संभाल ली है और अंतरिम सरकार के गठन की बात कही है।