जोशीमठ (चमोली)। उत्तराखंड की विश्व धरोहर स्थल फूलों की घाटी राष्ट्रीय उद्यान अब बर्फ की मोटी परत से ढक चुकी है। हिमालय की गोद में बसी यह घाटी हर साल की तरह इस बार भी सर्दियों के आगमन से पहले अपने दर्शकों को विदा कह रही है। वन विभाग ने घोषणा की है कि 31 अक्तूबर के बाद घाटी में आवाजाही पूरी तरह से बंद कर दी जाएगी।
नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के अंतर्गत आने वाली फूलों की घाटी में इन दिनों तापमान में तेजी से गिरावट आई है। अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में हुई बर्फबारी के बाद घाटी का अधिकांश हिस्सा सफेद बर्फ से ढक गया है। आसपास की चोटियों से लेकर घाटी के पगडंडियों तक हर ओर बर्फ का दृश्य मनमोहक है।
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पर्यटकों के लिए यह सीजन हर साल जून के पहले सप्ताह से अक्टूबर के अंत तक खुला रहता है। मानसून के दौरान घाटी रंग-बिरंगे फूलों से सज जाती है और दुनिया भर से पर्यटक इस नजारे को देखने पहुंचते हैं। लेकिन अब तापमान शून्य के करीब पहुंचने और बर्फबारी बढ़ने के कारण पर्यटकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवाजाही बंद करने का निर्णय लिया गया है।
फूलों की घाटी तक पहुंचने के लिए घांघरिया से लगभग चार किलोमीटर का ट्रेक किया जाता है। इस मार्ग पर अब बर्फ जमने से फिसलन बढ़ गई है। वन विभाग ने चेतावनी दी है कि 31 अक्तूबर के बाद किसी को भी घाटी में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य वन संरक्षक (गढ़वाल) ने बताया, “हर वर्ष की तरह इस बार भी सर्दियों की शुरुआत के साथ घाटी को पर्यटकों के लिए बंद किया जा रहा है। मार्च-अप्रैल में जब बर्फ पिघलेगी और मौसम अनुकूल होगा, तभी फिर से इसे खोला जाएगा।”
संरक्षण और सफाई अभियान भी शुरू
पर्यटन सत्र के समापन से पहले वन विभाग ने घाटी और आसपास के इलाकों में सफाई अभियान शुरू कर दिया है, ताकि अगले वर्ष पर्यटकों के आगमन से पहले यहां का प्राकृतिक संतुलन बरकरार रहे।
जानिए फूलों की घाटी के बारे में
- फूलों की घाटी 1982 में राष्ट्रीय उद्यान घोषित की गई थी और 2005 में इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया।
- यहां करीब 500 से अधिक प्रजातियों के फूल पाए जाते हैं, जिनमें कई दुर्लभ और विलुप्तप्राय प्रजातियाँ भी शामिल हैं।
- यह घाटी समुद्र तल से लगभग 11,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।
संक्षेप में:
- बर्फबारी के कारण फूलों की घाटी का मौसम अब बंद होने की कगार पर।
- 31 अक्तूबर से पर्यटकों के लिए आवाजाही पर रोक।
- वन विभाग ने सुरक्षा और संरक्षण तैयारियां शुरू कीं।





