देश में भीषण गर्मी के दौरान बिजली की अधिकतम मांग 260 गीगावॉट तक पहुंच सकती है। यह सितंबर, 2023 के रिकॉर्ड 243 गीगावॉट से अधिक है। इससे कोयले से पैदा होने वाली बिजली पर अत्यधिक निर्भरता बनी रह सकती है। बिजली मंत्रालय के एक अधिकारी ने मंगलवार को कहा, देश के कुछ हिस्सों में इस साल भीषण गर्मी पड़ने की आशंका है। इस दौरान बिजली की मांग काफी बढ़ जाएगी। मंत्रालय इसे देखते हुए अपनी तैयारी कर रहा है। नवीकरणीय क्षमताओं में वृद्धि जारी होने के बीच चरम मांग को पूरा करने के लिए बिजली संयंत्रों में कोयले का भंडार जमा किया जा रहा है। सौर ऊर्जा भी मांग को पूरा करने में काफी मदद करेगी। इसके अलावा, मंत्रालय ने सभी बिजली उत्पादक कंपनियों और खासकर कोयले से चलने वाले ताप-विद्युत संयंत्रों को अपनी रखरखाव योजनाओं को टालने का निर्देश दिया है। गैस-आधारित बिजली संयंत्रों को भी बिजली पैदा करने के लिए उपलब्ध रहने को कहा गया है।
देशभर के जलाशयों में पानी का स्तर कम होने से इस बार जलविद्युत उत्पादन पिछले साल की तुलना में कम होगा। ऐसे में कोयला आधारित बिजली संयंत्र और सौर ऊर्जा देश में उच्च मांग का एक बड़ा हिस्सा पूरा करेंगे।