तेलंगाना के नागरकुर्नूल जिले में श्रीशैलम लेफ्ट बैंक कैनाल सुरंग में पिछले चार दिनों से फंसे श्रमिकों से अब तक कोई संपर्क नहीं हो सका है। सुरंग से पानी और कीचड़ निकालने का काम चल रहा है, लेकिन जैसे-जैसे समय निकल रहा है श्रमिकों की कुशलता को लेकर चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। सेना और एनडीआरएफ के सदस्य पहले से ही बचाव कार्य में जुटे हुए हैं। अब हालात का आकलन करने और बचाव कार्य में मदद के लिए भारत भूगर्भीय सर्वेक्षण (जीएसआई) और राष्ट्रीय भौगोलिक अनुसंधान संस्थान (एनजीआरआई) के भूवैज्ञानिकों को भी बुलाया गया है। बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे नागरकुर्नूल के जिला कलेक्टर बी संतोष ने कहा कि आगे कोई भी कदम उठाने से पहले सुरंग की स्थिरता को ध्यान में रखा गया है। सुरंग से जल निकासी का काम भी चल रहा है। जीएसआई और एनजीआरआई की सलाह ले रहे हैं। स्थिति का आकलन करने के लिए एलएंडटी से जुड़े ऑस्ट्रेलियाई विशेषज्ञों को भी बुलाया गया है। कीचड़ और मलबा भरने के कारण हम आखिर के 40-50 मीटर के अंदर नहीं जा पा रहे हैं, जहां श्रमिक फंसे हुए हैं।सूत्रों ने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही बचाव अभियान को लेकर कुछ महत्वपूर्ण फैसला ले सकती है। भारतीय सेना, नौसेना, एनडीआरएफ और अन्य एजेंसियों के अथक प्रयासों के बावजूद, बचाव अभियान में अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।
बचाव दल को लोगों को निकालने के लिए सुरंग में दुर्घटना स्थल तक पहुंचने के लिए मोटी मिट्टी, उलझी हुई लोहे की छड़ों और सीमेंट ब्लॉकों से गुजरना पड़ा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय और राज्य आपदा मोचन टीमों के साथ सेना, नौसेना, सिंगरेनी कोलियरीज और अन्य एजेंसियों के 584 कुशल कर्मियों की एक टीम ने सात बार सुरंग का निरीक्षण किया है। लोहे की छड़ों को काटने के लिए गैस कटर लगातार काम कर रहे हैं।