फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहलगाम आतंकी हमले के बारे में बात की। फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा, ‘भारत के लोग इस तरह के कठिन समय में फ्रांस की एकजुटता और मित्रता पर भरोसा कर सकते हैं। हम हमेशा से आतंकवाद के सभी रूपों के खिलाफ अपनी लड़ाई में एकजुट रहे हैं और हमेशा एकजुट रहेंगे।’
इससे पहले जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा दुनिया भर के नेताओं ने की थी। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, इस्राइल के विदेश मंत्री गिदोन सा’आर समेत तमाम लोग शामिल हैं। संयुक्त अरब अमीरात ने भी आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा की थी।
इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने ट्वीट किया, ‘नीदरलैंड के प्रधानमंत्री डिक शूफ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन किया और भारत के पहलगाम में हुए दुखद और अमानवीय सीमा पार आतंकवादी हमले पर संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कायरतापूर्ण कृत्य की कड़ी निंदा की और सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद को खारिज कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने समर्थन और एकजुटता के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई को मजबूत करने के लिए नीदरलैंड के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर है।’
भारत में ईरान के दूतावास ने ट्वीट कर लिखा था, ‘इस्लामी गणराज्य ईरान का दूतावास जम्मू और कश्मीर के पहलगाम शहर में हुए आतंकवादी हमले की कड़ी निंदा करता है, जिसके परिणामस्वरूप बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे गए और घायल हुए। हम भारत सरकार और भारत के लोगों, विशेष रूप से इस हमले के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं, और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करते हैं।’
पहलगाम हमले का मुद्दा संयुक्त राष्ट्र में भी उठा है। हमले की वैश्विक नेताओं ने भी निंदा की है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की ओर से हुए भविष्य के डिजिटल नागरिक को सशक्त बनाना: एकीकृत डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) की ओर विशेष कार्यक्रम में संयुक्त राष्ट्र के दूतों और नेताओं ने पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की। संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र के अध्यक्ष फिलेमोन यांग ने कहा कि मैं जम्मू-कश्मीर में हाल ही में हुए हमलों के पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करना चाहता हूं। नागरिकों को निशाना बनाना अस्वीकार्य है और इसे किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं ठहराया जा सकता।