यमन स्थित हूती विद्रोहियों पर हमले की सूचना लीक होने के मामले में ट्रंप सरकार घिरती हुई नजर आ रही है। इसी बीच राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हूति विद्रोहियों पर हवाई हमले की सूचना लीक के कारण किसी को भी नौकरी से न निकालने की अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि वह किसी को भी नौकरी से नहीं निकालेंगे, चाहे मीडिया से कितनी भी गलत खबरें क्यों न आएं। डोनाल्ड ट्रंप ने एक साक्षत्कार में कहा कि सूचना लीक के मामले में मैं फर्जी खबरों और झूठे आरोपों के कारण किसी को भी काम से नहीं हटाता मैं अपने अधिकारियों पर भरोसे से चलता हूं। उन्होंने यह भी कहा कि वह अपने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक वाल्ट्ज और पेंटागन प्रमुख पीट हेगसेथ पर पूरा भरोसा करते हैं। साथ ही जब इंटरव्यू के दौरान ट्रंप से पूछा गया कि क्या इस सूचना के लीक होने के फलस्वरूप वाल्ट्ज को हटाने की बातचल रही है। इसपर उन्होंने जवाब दिया कि मैंने ऐसा कभी नहीं सुना और इस तरह का फैसला सिर्फ मैं ही लेता हूं। इसके साथ ही ट्रंप ने यह भी बताया कि पहले उनके राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइक फ्लिन को रूस मामले की जांच के दौरान जल्दी ही हटाया गया था। बता दें कि यमन स्थित हूती विद्रोहियों के ठिकानों पर हमले के लिए अमेरिकी अधिकारियों ने मैसेजिंग एप सिग्नल पर एक ग्रुप बनाया था। वाल्ट्ज ने इस ग्रुप को बनाने के बाद इसमें ट्रंप प्रशासन के 18 शीर्ष अधिकारियों को जोड़ा। इनमें उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, विदेश मंत्री मार्को रूबियो, राष्ट्रीय खुफिया निदेशक तुलसी गबार्ड व केंद्रीय खुफिया एजेंसी निदेशक जॉन रैटक्लिफ शामिल थे। इस ग्रुप में द अटलांटिक मैग्जीन के संपादक जेफ्री गोल्डबर्ग भी जुड़े हुए थे। उन्होंने यमन में हूतियों पर हमले की अमेरिकी योजना का पूरा खुलासा कर दिया। इसके बाद डेमोक्रेटिक सांसद मामले की जांच की मांग कर रहे हैं।