उत्तराखंड पर्यावरणीय दृष्टि से संवेदनशील उत्तराखंड में प्लास्टिक कचरे से प्लास्टवुड बनाने की सरकारी मुहिम आने वाले दिनों में रंग जमाएगी। शासन ने प्लास्टिक कचरे को प्लांट तक पहुंचाने की प्रक्रिया को सरल बनाने के साथ ही प्लांट को पीपीपी मोड में संचालन पर देने को मंथन प्रारंभ किया है। प्लांट की प्लास्टिक खपत क्षमता तीन टन प्रतिदिन है। ऐसे में अब सरकार इसको लागू करेगी।
उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों की भांति गांवों को भी प्लास्टिक कचरे से मुक्त करने के उद्देश्य से पूर्व में पंचायती राज विभाग ने इसकी कार्य योजना का खाका खींचा। इसके तहत गांवों से निकलने वाले प्लास्टिक कचरे का एकत्रीकरण कर इससे प्लास्टवुड तैयार करने के दृष्टिगत रिसाइक्लिंग प्लांट स्थापित करने पर जोर दिया गया।