नर्मदा (गुजरात)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर देश के पहले उपप्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि भारत की एकता और सुरक्षा के लिए आज सबसे बड़ा खतरा घुसपैठियों और विभाजनकारी ताकतों से है। उन्होंने चेतावनी दी कि जो लोग देश को तोड़ने या अस्थिर करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें बख्शा नहीं जाएगा।
प्रधानमंत्री ने गुजरात के केवड़िया स्थित स्टैच्यू ऑफ यूनिटी परिसर में आयोजित ‘एकता दिवस परेड’ में शामिल होकर सरदार पटेल को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने ‘रन फॉर यूनिटी’ में भी भाग लिया और युवाओं से राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा के लिए संकल्प लेने का आह्वान किया।
“घुसपैठ और वोट बैंक की राजनीति से खतरा”
अपने संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “देश की एकजुटता और सुरक्षा को आज सबसे बड़ा खतरा घुसपैठ और वोट बैंक की राजनीति से है। कुछ लोग अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए ऐसे तत्वों को बढ़ावा देते हैं जो राष्ट्रहित के खिलाफ काम करते हैं। यह सरदार पटेल की सोच और भारत की एकता के लिए सबसे बड़ा खतरा है।”
उन्होंने कहा कि आज जब भारत विकास की नई ऊंचाइयों को छू रहा है, तब देश विरोधी ताकतें भ्रम फैलाने और समाज को बांटने की कोशिशें कर रही हैं। “हमें सरदार पटेल के आदर्शों को अपनाकर इन शक्तियों को परास्त करना होगा,” प्रधानमंत्री ने जोड़ा।
“सरदार पटेल ने जोड़ा भारत, हमें उसे मजबूत रखना है”
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरदार पटेल ने आज़ादी के बाद 562 रियासतों को जोड़कर एक भारत का सपना साकार किया था। “आज हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस एकता को और मजबूत बनाएं। भारत की शक्ति उसकी विविधता में है, और यह एकता ही हमारी पहचान है,” उन्होंने कहा।
मोदी ने युवाओं से आग्रह किया कि वे देश की सुरक्षा और विकास में सक्रिय योगदान दें। “भारत आज ‘विश्व गुरु’ बनने की दिशा में अग्रसर है। ऐसे में हर नागरिक का दायित्व है कि वह राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखे,” उन्होंने कहा।
‘रन फॉर यूनिटी’ में उमड़ा जनसैलाब
प्रधानमंत्री के संबोधन के बाद ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूली छात्र, एनसीसी कैडेट, पुलिस बल और स्थानीय नागरिक शामिल हुए। प्रधानमंत्री ने झंडी दिखाकर दौड़ की शुरुआत की और युवाओं के साथ कदम मिलाए।
देशभर में कार्यक्रम
राष्ट्रीय एकता दिवस पर पूरे देश में विविध कार्यक्रम आयोजित किए गए। दिल्ली, मुंबई, जयपुर, लखनऊ, चेन्नई और पटना में भी ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन हुआ। सरकारी दफ्तरों, स्कूलों और विश्वविद्यालयों में एकता प्रतिज्ञा दिलाई गई।
हर वर्ष 31 अक्टूबर को सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। पटेल को भारत की एकता का शिल्पकार कहा जाता है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद रियासतों के विलय में ऐतिहासिक भूमिका निभाई थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के अंत में कहा,
“सरदार पटेल का भारत अखंड, सुरक्षित और आत्मनिर्भर भारत है। हमें उस भारत के निर्माण का संकल्प आज दोहराना होगा।”





