नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर देश के युवाओं को राष्ट्र निर्माण की धुरी बताते हुए कहा है कि ‘युवाशक्ति’ ही भारत में हो रहे सुधारों का असली इंजन है। एक राष्ट्रीय युवा सम्मेलन को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने ‘विकसित भारत @2047’ के विजन को रेखांकित किया और युवाओं से आह्वान किया कि वे अपनी ऊर्जा और नवाचार (Innovation) से देश को वैश्विक महाशक्ति बनाने की दिशा में योगदान दें।
सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन का मंत्र
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में ‘रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म’ के सिद्धांत को दोहराया। उन्होंने कहा कि पिछले एक दशक में किए गए संरचनात्मक सुधारों का सबसे बड़ा लाभ युवाओं को मिला है।
- स्टार्टअप ईकोसिस्टम: पीएम ने गर्व के साथ उल्लेख किया कि आज भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब है, जिसका श्रेय युवाओं के रिस्क लेने की क्षमता को जाता है।
- तकनीक और कौशल: उन्होंने जोर दिया कि नई शिक्षा नीति (NEP) और कौशल विकास योजनाओं के माध्यम से युवाओं को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है।
विकसित भारत के तीन स्तंभ
प्रधानमंत्री ने विकसित भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए तीन प्रमुख मंत्र दिए:
- नवाचार (Innovation): समस्याओं के समाधान के लिए तकनीक का उपयोग।
- आत्मनिर्भरता (Self-reliance): स्थानीय उत्पादों को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाना (Vocal for Local)।
- अनुशासन और कर्तव्य: राष्ट्र के प्रति अपने नागरिक कर्तव्यों का निर्वहन।
ग्लोबल लीडर के रूप में भारत का उदय
पीएम मोदी ने कहा कि आज दुनिया भारत की ओर उम्मीद की नजरों से देख रही है। चाहे वह डिजिटल भुगतान (UPI) हो या अंतरिक्ष विज्ञान (Space Science), भारतीय युवाओं ने अपनी मेधा का लोहा मनवाया है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे केवल नौकरियों के पीछे न भागें, बल्कि ‘जॉब क्रिएटर’ (रोजगार प्रदाता) बनने का सपना देखें।
प्रधानमंत्री का विशेष उद्धरण: “जब देश का युवा ठान लेता है, तो कोई भी बाधा उसे रोक नहीं सकती। आपकी आकांक्षाएं ही भारत का भविष्य तय करेंगी। आप केवल 21वीं सदी के मतदाता नहीं हैं, बल्कि आप 21वीं सदी के भाग्यविधाता भी हैं।”





