उत्तराखंड में आंगनबाड़ी से जुड़ी 40 हजार से अधिक महिला कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के लिए राहत भरी खबर है। महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग ने उनका मानदेय बढ़ाने का प्रस्ताव तैयार कर लिया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार मानदेय में 1600 रुपये तक की वृद्धि की सिफारिश की गई है। आगामी निर्णय के लिए प्रस्ताव सरकार को भेजा गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं 14 नवंबर से अपनी लंबित मांगों को लेकर आंदोलन कर रही हैं। उनकी प्रमुख मांग है कि उन्हें राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए। जब तक यह मांग पूरी नहीं होती, तब तक उनका मानदेय 9300 रुपये से बढ़ाकर 24,000 रुपये प्रतिमाह किए जाने की मांग उठाई गई है।
इसके साथ ही उन्होंने विभाग में सुपरवाइजर के रिक्त पदों को पदोन्नति के माध्यम से भरने, सेवानिवृत्ति पर पेंशन सुविधा देने और महिला कल्याण कोष से सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाली एकमुश्त धनराशि को बढ़ाकर कम से कम पांच लाख रुपये करने की मांग भी सरकार के समक्ष रखी है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, भोजन माताओं और आशा कार्यकर्ताओं की समस्याओं के समाधान के लिए वर्ष 2024 में सरकार ने तत्कालीन अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय कमेटी गठित की थी। इस कमेटी को विभिन्न मांगों पर विचार करने और व्यावहारिक समाधान सुझाने का दायित्व सौंपा गया था।
आनंद बर्द्धन के अनुसार, कमेटी की कुछ बैठकों में आंगनबाड़ी से जुड़े विषयों पर व्यापक चर्चा हुई थी और कई बिंदुओं पर सहमति बनने की प्रक्रिया जारी है।
उत्तराखंड राज्य आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की प्रदेश अध्यक्षा सुशीला खत्री ने बताया कि हाल ही में शासन में हुई बैठक के दौरान सेवानिवृत्ति पर एकमुश्त एक लाख रुपये देने पर सहमति बनी है। इसके साथ ही इसमें हर साल पांच प्रतिशत वृद्धि किए जाने का भी प्रस्ताव स्वीकार किया गया है।
उन्होंने कहा कि सुपरवाइजर के पदों पर भर्ती के लिए भी जल्द आवेदन आमंत्रित किए जाएंगे। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वर्ष 2021 में मानदेय बढ़े जाने के बाद से अब तक उनकी आय में कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं हुआ है। जब तक सरकार लिखित आश्वासन या शासनादेश जारी नहीं करती, तब तक संगठन का आंदोलन जारी रहेगा।
महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता विभाग की रीढ़ हैं। वे न केवल विभागीय योजनाओं को, बल्कि अन्य विभागों की कई योजनाओं को भी धरातल पर सफलतापूर्वक लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार उनकी मांगों के प्रति सकारात्मक है और मानदेय बढ़ोतरी को लेकर निर्णय प्रक्रिया आगे बढ़ाई जा रही है।





