सिंध में नहर विवाद को लेकर प्रदर्शनकारियों ने सरकार के आश्वासनों को खारिज कर दिया है और सिंधु नदी पर प्रस्तावित नहर परियोजनाओं के खिलाफ चल रहा धरना खत्म करने से इन्कार कर दिया है। सरकार द्वारा आगे की चर्चा तक पहल को निलंबित करने की घोषणा के बावजूद उन्होंने अपनी नाकाबंदी जारी रखी है। लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन से पाकिस्तान की आपूर्ति शृंखला में गंभीर व्यवधान पैदा कर दिया है, जिससे हजारों माल ट्रांसपोर्टर आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं। ट्रांसपोर्ट गुड्स एसोसिएशन (टीजीए) के अध्यक्ष तारिक गुज्जर ने कहा, सड़क बंद होने के कारण सुक्कुर-लरकाना डिवीजन और बहावलपुर के पास 10,000 से 15,000 ट्रॉलर, कंटेनर, ट्रक और तेल टैंकर फंसे हुए हैं। इससे बड़े क्षेत्र में माल आवाजाही ठप है। गुज्जर ने कहा, फंसे हुए वाहनों में पशु मांस, निर्यात-आयात खेप, फल, सब्जियां, कोयला, दवाइयां और अन्य महत्वपूर्ण आपूर्ति शामिल है। लंबे समय से एक ही जगह पर फंसे रहने के कारण खाद्य सामग्रियां सड़ने लगी हैं। उधर, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के नेता बिलावल भुट्टो जरदारी ने रात भर प्रदर्शनकारी पैरोकारों से चर्चा की लेकिन हल नहीं निकला है। प्रदर्शनकारियों के अड़ने से यह आंदोलन और बड़ा रुख अख्तियार करता जा रहा है। प्रदर्शन के चलते व्यापारियों की समस्या भी बढ़ती जा रही है।बलूचिस्तान। डॉन अखबार ने डॉ. महरंग बलोच की बहन नादिया बलोच के हवाले से बताया कि बलोच यकजेहती समिति (बीवाईसी) के नेताओं ने हिरासत में कथित दुर्व्यवहार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी है। महरंग और अन्य बीवाईसी कार्यकर्ता क्वेटा सिविल अस्पताल पर हमला करने व लोगों को हिंसा के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार हैं। नादिया बलोच ने आरोप लगाया कि पिशिन ले जाने से पहले बेबो बलोच को शारीरिक, मानसिक और मनोवैज्ञानिक यातनाएं दी गईं। इससे लोगों में गुस्सा है।