भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख एस सोमनाथ ने मंगलवार को कहा कि विश्व अंतरिक्ष समुदाय को पृथ्वी की कक्षा से परे जाने के लिए कौशल विकसित करने की जरूरत है। इसरो प्रमुख सोमनाथ 42वीं अंतर-एजेंसी अंतरिक्ष मलबा समन्वय समिति (आईएडीसी) की उद्घाटन बैठक में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा, ‘जब आप भविष्य के अन्वेषण पर विचार कर रहे हों, तो संभवतः पृथ्वी-चंद्रमा प्रणाली और सौर ग्रह अन्वेषण की तरह पृथ्वी की कक्षा से परे जाने के लिए हमें कौशल विकसित करने की आवश्यकता है। मुझे लगता है कि उन सभी क्षेत्रों में भी भीड़ हो रही है। खासकर चांद के क्षेत्र में। मेरा मानना है कि यह समूह आने वाले दिनों में उस पहलू को और अधिक विस्तार से देखेगा।’ उन्होंने कहा, ‘2023 तक सभी भारतीय अभिनेताओं, सरकारी और गैर-सरकारी की मदद से अंतरिक्ष मिशन को मलबा मुक्त बनाना है। मलबा पैदा न हो इसे सुनिश्चित करने के लिए भारत तंत्र और ढांचा बना रहा है।’ उन्होंने आगे कहा कि हम अंतरिक्ष प्रणालियों के भीतर तंत्र और संरचनाएं बना रहे हैं ताकि बड़ी संख्या में मलबा पैदा न हो सके। पिछले कई सालों से बहुत कुछ बहुत अच्छा चल रहा है। हमें आने वाले दिनों में इन सभी गतिविधियों को और मजबूत करने की जरूरत है।’