ढाका। बांग्लादेश की राजनीति में बड़ा भूचाल आ गया है। देश की अदालत ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना समेत 260 लोगों को फरार अभियुक्त घोषित किया है। इन सभी पर ‘जॉय बांग्ला ब्रिगेड’ नामक संगठन के माध्यम से सरकार को उखाड़ फेंकने की साजिश रचने का गंभीर आरोप है। अदालत ने संबंधित एजेंसियों को आदेश दिया है कि फरार अभियुक्तों की संपत्तियों को जब्त किया जाए और गिरफ्तारी के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई तेज की जाए।
ढाका महानगर पुलिस (डीएमपी) के अनुसार, जांच एजेंसियों को मिले दस्तावेजों और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों से यह संकेत मिले हैं कि “जॉय बांग्ला ब्रिगेड” नाम के इस संगठन ने विदेशों में रह रहे नेताओं, कुछ सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारियों और विपक्षी दलों के संपर्क में रहकर मौजूदा सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की।
पुलिस का दावा है कि इस नेटवर्क ने साइबर मीडिया और विदेशी फंडिंग के जरिए देश में विरोध प्रदर्शन भड़काने, सरकारी प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना बनाने और संवेदनशील जानकारियां साझा करने जैसी गतिविधियों को अंजाम दिया।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जो अब तक देश से बाहर बताई जा रही हैं, पर आरोप है कि उन्होंने ब्रिगेड के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और “राष्ट्रीय एकता सरकार” बनाने की रूपरेखा पर चर्चा की थी। अभियोजन पक्ष का कहना है कि यह कदम बांग्लादेश के संविधान के खिलाफ है और देशद्रोह की श्रेणी में आता है।
आंतरिक सुरक्षा विभाग (डीजीएफआई) और बांग्लादेश पुलिस की संयुक्त जांच टीम ने कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी की है। अब तक लगभग 45 लोगों को हिरासत में लिया गया है, जिनमें संगठन के कुछ सोशल मीडिया संचालक भी शामिल हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच में यह भी सामने आया है कि ब्रिगेड को फंडिंग ब्रिटेन, मलेशिया और कनाडा से की जा रही थी। इन देशों से बैंक ट्रांजैक्शन के सबूत भी जुटाए गए हैं।
बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जामांन खान ने कहा कि “कोई भी व्यक्ति या संगठन जो देश की संप्रभुता और लोकतांत्रिक व्यवस्था को चुनौती देगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा। अदालत के आदेश के अनुसार, सभी फरार आरोपियों की संपत्ति जब्त की जाएगी और इंटरपोल की मदद से उनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जाएगी।”
विपक्षी दलों ने इसे “राजनीतिक प्रतिशोध” बताया है। विपक्षी गठबंधन ‘बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी’ (BNP) ने कहा कि सरकार अपनी नीतिगत विफलताओं से ध्यान भटकाने के लिए विपक्षी नेताओं को फंसाने का प्रयास कर रही है। पार्टी ने मांग की है कि एक स्वतंत्र न्यायिक आयोग बनाकर पूरे मामले की जांच की जाए।
संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने भी इस मामले पर चिंता जताई है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) ने कहा कि “राजनीतिक मामलों में न्यायिक प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होनी चाहिए।” अमेरिका ने भी बांग्लादेश से लोकतांत्रिक मूल्यों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करने की अपील की है।
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना, जिन्होंने देश का नेतृत्व चार बार किया, अब गंभीर आरोपों का सामना कर रही हैं। उनके खिलाफ दर्ज यह मामला न केवल बांग्लादेश की राजनीति को हिला सकता है, बल्कि आने वाले चुनावों की दिशा भी तय कर सकता है।
बांग्लादेश में राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह प्रकरण देश की लोकतांत्रिक स्थिरता के लिए अग्निपरीक्षा साबित हो सकता है। यदि साजिश के आरोप सिद्ध होते हैं, तो बांग्लादेश की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत तय मानी जाएगी।


