पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान की पार्टी (पीटीआई) के नेताओं को अदालतों से बड़ी राहत मिली है। अदालतों ने विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामलों में पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं को बरी कर दिया है। जबकि एक नेता को जमानत दी है। इस्लामाबाद की एक अदालत ने पिछले साल के दो विरोध-संबंधी मामलों में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष गौहर अली खान और विपक्ष के नेता उमर अयूब सहित पार्टी के नेताओं को शनिवार को बरी कर दिया। इस्लामाबाद के न्यायिक मजिस्ट्रेट शहजाद अहमद ने पिछले साल 26 अप्रैल को हुए विरोध प्रदर्शन से जुड़े मामलों में फैसला सुनाया। यह विरोध प्रदर्शन पीटीआई नेता शोएब शाहीन के कार्यालय से कराची कंपनी की ओर बढ़ा, जिसमें कथित तौर पर धारा 144 और अन्य कानूनी प्रावधानों का उल्लंघन किया गया। दलीलें सुनने के बाद अदालत ने बैरिस्टर गौहर, उमर अयूब, अली बुखारी, शोएब शाहीन, मलिक रफीक, आमिर डोगर, आमिर मुगल और अन्य को बरी कर दिया।
वहीं लाहौर की एक आतंकवाद निरोधी अदालत ने नौ मई, 2023 के दंगा मामले में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी को जमानत दे दी। कुरैशी के वकील ने तर्क दिया था कि पीटीआई नेता नौ मई को हमले के दिन लाहौर में मौजूद भी नहीं थे और अपनी पत्नी के साथ इलाज के लिए कराची में थे। वकील ने कहा कि 9 मई के हमलों के संबंध में कुरैशी के खिलाफ साजिश का आरोप साबित नहीं हुआ है और याचिकाकर्ता को जमानत दी जानी चाहिए।
वहीं एटीसी-I के न्यायाधीश मंजर अली गिल ने पीटीआई संस्थापक खान की गिरफ्तारी के बाद 9 मई को भड़के दंगों के दौरान शादमान पुलिस स्टेशन पर हमला मामले में फैसला सुनाया। एक अन्य न्यायाधीश ने लाहौर कोर के निकट पुलिस वाहनों को जलाने से संबंधित मामले में पीटीआई नेता की एक अन्य जमानत याचिका पर फैसला 26 जून तक के लिए टाल दिया।