कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को लेकर किए गए दावे पर बीजेपी नेता अमित मालवीय ने उनपर निशाना साधा है। बीजेपी नेता ने गुरुवार को कहा कि पीएम मोदी ने पहली बार गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से दो साल पहले वर्ष 1999 में अपनी जाति को ओबीसी के रूप में अधिसूचित कराया था।
बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री बनने के बाद अपनी जाति को ओबीसी के रूप में अधिसूचित कराया, राहुल गांधी, यह सरासर झूठ है। पीएम नरेंद्र मोदी की जाति को उनके गुजरात के मुख्यमंत्री बनने से पूरे 2 साल पहले 27 अक्टूबर 1999 को ओबीसी के रूप में अधिसूचित किया गया था।”
यह पहली बार नहीं है कि कांग्रेस ने यह मुद्दा उठाया है। 2014 में उनके पहली बार प्रधानमंत्री बनने से पहले भी यही जाति का मुद्दा सामने आया था। narendramodi.in में 2014 में यह कहा गया था कि ‘मोध घांची’ जाति और यह विशेष उपजाति गुजरात सरकार की सामाजिक शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की 146 जातियों की सूची (25-बी) में शामिल है।
इसमें कहा गया कि ‘इससे पहले गुजरात में एक सर्वेक्षण के बाद, मंडल आयोग ने सूचकांक 91 (ए) के तहत ओबीसी की एक सूची तैयार की थी, जिसमें मोध-घांची जाति को शामिल किया गया था। भारत सरकार की गुजरात के लिए 105 ओबीसी जातियों की सूची में ‘मोध-घांची’ जाति को भी शामिल किया गया है। इस उपजाति को ओबीसी सूची में शामिल करने की अधिसूचना 25 जुलाई 1994 को गुजरात सरकार द्वारा जारी की गई थी। यह याद रखना चाहिए कि उस समय श्री छबीलदास मेहता के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार सत्ता में थी। 4 अप्रैल 2000 की भारत सरकार की अधिसूचना के अनुसार उसी उपजाति को ओबीसी के रूप में शामिल किया गया था। जब ये दोनों अधिसूचनाएं जारी की गईं तो श्री नरेंद्र मोदी कहीं भी सत्ता में नहीं थे और न ही उस समय उनके पास कोई कार्यकारी पद था।’