Tuesday, August 5, 2025

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पीओके में आतंकी के जनाजे पर हंगामा: लश्कर कमांडर को ग्रामीणों ने खदेड़ा

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में शामिल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हबीब ताहिर के जनाजे में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) के कुइयां गांव में अप्रत्याशित घटनाक्रम सामने आया। जनाजा उस समय विवाद का कारण बन गया जब लश्कर का स्थानीय कमांडर रिजवान हनीफ हथियारबंद साथियों के साथ वहां पहुंचा। इससे स्थानीय लोगों में भारी नाराजगी फैल गई और गांववालों ने आतंकियों को वहां से खदेड़ दिया

लश्कर की मौजूदगी पर विरोध

ताहिर को भारतीय सुरक्षाबलों ने 28 जुलाई को श्रीनगर के हरवन इलाके में एक मुठभेड़ में मार गिराया था। 30 जुलाई को कुइयां गांव में जब उसका अंतिम संस्कार हो रहा था, तब गांववाले ताहिर को श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्र हुए। लेकिन माहौल उस वक्त तनावपूर्ण हो गया जब लश्कर कमांडर हनीफ अपने हथियारबंद साथियों के साथ वहां पहुंचा।

सूत्रों के अनुसार, ताहिर के परिवार ने पहले ही साफ कर दिया था कि वे किसी आतंकी संगठन की उपस्थिति नहीं चाहते। इसके बावजूद हनीफ की मौजूदगी से लोगों में आक्रोश फूट पड़ा। जब हनीफ के भतीजे ने बंदूक लहराकर भीड़ को डराने की कोशिश की, तो स्थिति बिगड़ गई और ग्रामीणों ने आतंकियों को वहां से भागने पर मजबूर कर दिया

बदल रही है पीओके की सोच?

इस घटना को पीओके में बदलते सामाजिक माहौल के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। जानकारों के मुताबिक, अब स्थानीय लोग आतंकी संगठनों की सार्वजनिक मौजूदगी का विरोध करने लगे हैं। पाकिस्तानी पुलिस भी अब ऐसे जनाजों या कार्यक्रमों में आतंकियों की मौजूदगी पर सख्ती बरत रही है।

भारत का जवाब – ‘ऑपरेशन महादेव’ और ‘सिंदूर’

बता दें कि हबीब ताहिर और दो अन्य आतंकियों को भारतीय सुरक्षाबलों ने हाल ही में चलाए गए ऑपरेशन महादेव के तहत मारा था। इससे पहले 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें कई आतंकी मारे गए थे।
भारत ने मई में उन पाकिस्तानी अधिकारियों के नाम उजागर किए थे, जो ऑपरेशन सिंदूर में मारे गए आतंकियों के जनाजे में शामिल हुए थे। इनमें लश्कर कमांडर अब्दुल रऊफ भी था, जिसे अमेरिका पहले ही ग्लोबल टेररिस्ट’ घोषित कर चुका है।

पाकिस्तान की सफाई पर उठे सवाल

पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में दावा किया था कि उसने लश्कर-ए-तैयबा के खिलाफ कार्रवाई की है और यह संगठन अब निष्क्रिय है। साथ ही, उन्होंने पहलगाम हमले में लश्कर की संलिप्तता से इनकार करते हुए कहा कि जांच अभी जारी है।
हालांकि, लश्कर का मुख्यालय मुरिदके में अब भी सक्रिय माना जा रहा है, और वहीं से इन आतंकियों को प्रशिक्षण मिलने की बात सामने आ चुकी है — जिससे पाकिस्तान के दावों पर गंभीर संदेह खड़े हो रहे हैं।

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