प्रधानमंत्री पीएम-श्री योजना में करोड़ों रुपये की अनियमितताओं का मामला अब जांच के घेरे में आ गया है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि योजना के तहत वितरित किए गए सामान और धन में कई सप्लायरों ने गड़बड़ी की है। अधिकारियों के अनुसार, फिलहाल लगभग आधा दर्जन सप्लायरों को मुख्य संदिग्ध के रूप में चिन्हित किया गया है।
सूत्रों के अनुसार, योजना के तहत किसानों और लाभार्थियों को जैविक बीज, उपकरण और अन्य कृषि सामग्री की आपूर्ति की जाती है। हालांकि, जांच में सामने आया है कि कई सप्लायरों ने तय समय और गुणवत्ता मानकों का पालन नहीं किया और आपूर्ति की गई सामग्री का हिसाब सही तरीके से नहीं रखा गया।
अधिकारियों ने बताया कि अब सभी संदिग्ध सप्लायरों के बैंक ट्रांजैक्शन, डिलीवरी रिकॉर्ड और आपूर्ति दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। साथ ही, दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
कृषि विभाग और पीएम-श्री योजना के उच्च अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि अनियमितताओं की जांच पूरी पारदर्शिता के साथ की जाएगी और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए कड़े उपाय लागू किए जाएंगे। इस मामले ने योजना के क्रियान्वयन में निगरानी और जवाबदेही की आवश्यकता पर फिर से ध्यान आकर्षित किया है।





