सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि वह बांग्लादेशी इलाकों में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अधिकारियों की मौजूदगी को लेकर चिंतित हैं। कहा, अगर एलओसी पर हमें मजबूर किया गया तो हम आक्रामक भी हो सकते हैं।एक विशेष साक्षात्कार में जनरल द्विवेदी ने कहा कि उन्हें (बांगलादेश को) यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत विरोधी तत्व उस धरती का इस्तेमाल भारत में आतंकवादियों को भेजने के लिए न कर पाएं। बता दें कि हाल ही में पाकिस्तानी सेना और आईएसआई अधिकारियों ने बांग्लादेश में ‘चिकन नेक’ के निकट भारतीय सीमा के पास बेहद संवेदनशील इलाकों का दौरा किया था। जनरल द्विवेदी ने कहा कि हालांकि, बांग्लादेश के साथ भारत के सैन्य संबंध बहुत मजबूत हैं और हम जब चाहें नोट्स का आदान-प्रदान कर सकते हैं। यही हम करते आ रहे हैं। जब जनरल द्विवेदी से पूछा गया कि क्या पाकिस्तान ने अभी तक यह समझ लिया है कि कश्मीर भारतीय क्षेत्र का हिस्सा है तो द्विवेदी ने मजाकिया अंदाज में फिल्म ‘गाइड’ का उदाहरण दिया, जिसमें एक पागल आदमी कहता है कि, जब तक बारिश नहीं होगी, मैं खाना नहीं खाऊंगा। इसी तरह अब पाकिस्तान की सेना ने इसे स्वीकार कर लिया है, अब उनके पास इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं है। द्विवेदी ने आगे कहा कि पाकिस्तान का एजेंडा सिर्फ कश्मीर तक सीमित नहीं है। वे सिर्फ भारत विरोधी रुख को बढ़ावा दे रहे हैं। इसलिए वे कश्मीर टॉपिक को हर समय बढ़ा-चढ़ाकर पेश करते है और करते रहेंगे।सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा है कि 2014 से भारत नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान के साथ अपने संवाद में दृढ़ रहा है। उन्होंने समझ लिया है कि हम वाकई गंभीर हैं। भारत अब इतना आक्रामक है कि अगर पाकिस्तान हमें उकसाता है तो हम उसका जवाब दे सकते हैं। जनरल द्विवेदी ने अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के प्रभाव पर भी जोर दिया। कहा, आतंकवादियों की संख्या और स्थानीय लोगों की भर्ती में काफी कमी आई है। लोगों में अब पहचान को लेकर भ्रम नहीं है। विशेष दर्जा रद्द करने का निर्णय भारत के ‘कोई समझौता नहीं’ दृष्टिकोण अपनाने के इरादे को दर्शाता है।
रक्षा बलों को राजनीतिक लड़ाई में उलझाने पर अपनी आपत्ति जताते हुए सेना प्रमुख ने कहा है कि सेना को राजनीति में शामिल नहीं होना चाहिए। उनसे जब राहुल गांधी की संसद में की गई टिप्पणी पर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि चीन के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की टिप्पणी का रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विस्तार से खंडन किया है। मुझे लगता है कि रक्षा मंत्री ने सोशल मीडिया पोस्ट में इसका राजनीतिक जवाब दे दिया है।
पाकिस्तान के उकसावे पर आक्रामक होंगे, कश्मीर में कम हुए आतंकी
