Friday, November 28, 2025

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पाकिस्तान की हथियार खरीद पर भारत की बढ़ी चिंता

भारत की सुरक्षा एजेंसियों में उस समय चिंता बढ़ गई जब पाकिस्तान द्वारा आधुनिक हथियारों और सैन्य उपकरणों की खरीद को लेकर नई जानकारी सामने आई। रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि पाकिस्तान बीते कुछ महीनों से अपनी सैन्य क्षमताओं को उन्नत करने में तेजी से जुटा है, जिसके चलते क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन पर असर पड़ सकता है। इस स्थिति ने भारत को अपनी सामरिक तैयारियों की समीक्षा के लिए प्रेरित किया है।

इसी बीच नौसेना के वाइस एडमिरल जी. अशोक कुमार स्वामीनाथन ने सुरक्षा रणनीति पर एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि भारत के सामने चीन एक “स्थायी और दीर्घकालिक चुनौती” के रूप में मौजूद है। उन्होंने स्पष्ट किया कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की बढ़ती उपस्थिति और उसके आक्रामक रुख को ध्यान में रखते हुए भारत को अपनी समुद्री क्षमताओं को लगातार मजबूत करते रहना होगा। वाइस एडमिरल ने यह भी कहा कि भारत को बदलते भू-राजनीतिक समीकरणों के बीच सतर्क रहना होगा, क्योंकि पड़ोसी देशों की सैन्य गतिविधियाँ व्यापक रणनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करती हैं।

उन्होंने बताया कि नौसेना अपनी परिचालन क्षमता को बेहतर करने के लिए नए प्लेटफॉर्म, निगरानी प्रणाली और आधुनिक तकनीक पर लगातार काम कर रही है। चीन की नौसैनिक ताकत के विस्तार पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय नौसेना अपने हितों की रक्षा के लिए सक्षम है, लेकिन इसके लिए निरंतर आधुनिकीकरण और संसाधनों का विस्तार आवश्यक है।

पाकिस्तान की बढ़ती हथियार खरीद और चीन की आक्रमणकारी नीतियों के संदर्भ में भारत की सुरक्षा चिंताएँ एक बार फिर केंद्र में आ गई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसे समय में भारत को अपनी समुद्री और स्थलीय दोनों सीमाओं पर मजबूत सतर्कता बनाए रखनी होगी। सरकार और सेना लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और जरूरत पड़ने पर रणनीतिक कदम उठाने के लिए तैयार हैं।

इस तरह, दक्षिण एशिया में बदलते रक्षा समीकरणों के बीच भारत की प्राथमिकता अपनी सुरक्षा और सामरिक क्षमता को मजबूत बनाए रखना है, ताकि किसी भी संभावित खतरे का समय रहते मुकाबला किया जा सके।

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