नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाल ही में बीएसएफ (Border Security Force) के रेज़िंग डे समारोह में कहा है कि अगले पांच वर्षों में यह बल विश्व का सबसे आधुनिक, तकनीकी और आक्रमण-क्षमता वाला सुरक्षा बल बन जाएगा। उन्होंने बीएसएफ की हालिया उपलब्धियों, विशेषकर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में पाकिस्तान को दिए गए जवाब को सराहते हुए इसे बल के नए युग की शुरुआत करार दिया।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को निर्णायक झटका
- गृह मंत्री ने बताया कि बीएसएफ ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान जम्मू सीमा पर पाकिस्तान की 118 रूके हुए पोस्टों को तबाह किया।
- उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से पाकिस्तानी निगरानी नेटवर्क को जबरदस्त झटका लगा है। इसके संचार और निगरानी ढाँचे को “चट्टे-कट्टे” कर दिया गया है, जिसे दोबारा खड़ा होने में सालों लग जाएंगे।
- बीएसएफ ने पांच चौकियों और आतंकवादियों के एक लॉन्च-पैड को नष्ट किया।
- ऑपरेशन के दौरान बीएसएफ ने एंटी-मैटेरियल राइफल (bunker-piercing rifle) का इस्तेमाल किया, जिसके ज़रिए दुश्मन के ठिकानों पर गंभीर हमले किए गए।
आधुनिकीकरण की दिशा में विस्तारित रणनीति
- अमित शाह ने कहा है कि गृह मंत्रालय बीएसएफ को अगले पांच सालों में अत्याधुनिक तकनीक से लैस करेगा ताकि यह बल नई चुनौतियों से निपटने में पिछड़ने न पाए।
- सीमाओं पर बढ़ते ड्रोन खतरों को देखते हुए, बीएसएफ ने ड्रोन-वारफेयर की तैयारी तेज़ कर दी है। टेकानपुर ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में बने ड्रोन वारफेयर स्कूल से जल्द ही 47 जवान ‘ड्रोन कमांडो’ बनेंगे।
- आधुनिकीकरण में निगरानी, संचार प्रणालियों के डिजिटलीकरण और सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार को विशेष महत्व दिया जा रहा है, जिससे सीमा सुरक्षा की दक्षता बढ़ेगी।
सतत चौकसी और जवाबी रणनीति
- बीएसएफ का कहना है कि उसे ऑपरेशन सिंदूर से पहले से ही हाई अलर्ट पर रखा गया था।
- पाकिस्तानी ड्रोन हमलों, घुसपैठ और अन्य खतरे से निपटने के लिए बीएसएफ ने निगरानी तंत्र को और मजबूत किया है।
- बल की जवाबी रणनीति में न सिर्फ पारंपरिक हथियारों का प्रयोग है, बल्कि तकनीकी साधन जैसे ड्रोन-निगरानी, एंटी-ड्रोन सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक जेमिंग भी शामिल हैं।
राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता और पराक्रम
- अमित शाह ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर सिर्फ एक सैन्य कार्रवाई नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की क्षमता का प्रदर्शन था। उन्होंने बीएसएफ के जवानों की “रचनात्मक और अभिनव” सोच की जमकर सराहना की, जिन्होंने स्वदेशी समाधान विकसित किए।
- इस अभियान में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए, शाह ने कहा कि उनका बलिदान और उनकी वीरता देश की सुरक्षा के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज होगी।
चुनौतियाँ और आगे का नेतृत्व
- हालांकि बीएसएफ के आधुनिकीकरण के लक्ष्य महत्त्वाकांक्षी हैं, पर इस राह में लॉजिस्टिक, बजट और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण जैसी चुनौतियाँ भी मौजूद होंगी।
- इसके अलावा सीमा पर बढ़ते ड्रोन खतरे, उन्नत निगरानी प्रणालियों और आतंकवाद की नई रणनीतियों के मद्देनज़र बीएसएफ को लगातार अपनी नीतियों और तैयारियों को अपडेट करना होगा।
- भविष्य में इस बल की भूमिका केवल सीमाओं की निगरानी तक सीमित नहीं रहेगी, बल्कि यह एक सक्रिय, तेज-प्रतिक्रिया और टेक्नोलॉजी समर्थक बल के रूप में उभर सकता है।
निष्कर्ष:
अमित शाह की बयानबाज़ी स्पष्ट संकेत देती है कि भारत अपनी सीमाओं की सुरक्षा को न सिर्फ मजबूत करना चाहता है, बल्कि उसे एक आधुनिक, तकनीकी रूप से सक्षम, और जवाबी कार्रवाई में सक्षम बल में परिवर्तित करना चाहता है। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की कामयाबी इस दिशा में पहला बड़ा कदम है और आने वाले सालों में बीएसएफ उस महत्वाकांक्षा को जमीन पर उतारने की राह पर आगे बढ़ेगा।





