भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा है कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जिस तरह से अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने एकजुटता दिखाई है, वह आतंकवाद के खिलाफ जीरो टोलेरेंस का सबूत है। संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप-स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि ‘पहलगाम आतंकी हमला, 26/11 के मुंबई हमले के बाद आम नागरिकों पर हुआ सबसे बड़ा आतंकी हमला है। भारत दशकों से सीमापार आतंकवाद का पीड़ित रहा है और हम अच्छी तरह से समझ सकते हैं कि आतंकी घटनाओं का पीड़ितों, परिवारों और समाज पर क्या असर होता है।’
संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद रोधी कार्यालय में आयोजित हुए ‘विक्टिम ऑफ टेरेरिज्म एसोसिएशन नेटवर्क’ कार्यक्रम में योजना पटेल ने कहा कि ‘पहलगाम हमले के बाद जिस तरह से वैश्विक समुदाय ने भारत का समर्थन किया, हम उसकी तारीफ करते हैं।’ गौरतलब है कि पहलगाम हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर, इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी, फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, इस्राइली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू और संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस आदि ने एकसुर में आतंकी हमले की कड़ी निंदा की और भारत के साथ एकजुटता दिखाई थी।
बीते हफ्ते संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी बयान जारी कर पहलगाम आतंकी हमले की निंदा की थी और कहा था कि हमले के जिम्मेदारों की जवाबदेही तय की जाए और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। साथ ही सभी सदस्य देशों से अपील की गई थी कि वे अंतरराष्ट्रीय नियमों और सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत सहयोग करें।