ईरान ने रविवार को अमेरिका के साथ होने वाली वार्ता को लेकर अपनी शर्ते साफ कर दी। इसके लिए ईरान की ओर से जारी बयान में बताया गया कि अगर अमेरिका के साथ वार्ता का उद्देश्य सिर्फ उसके परमाणु कार्यक्रम के सैन्यीकरण को लेकर चिंताओं को दूर करना है, तो वह इसे स्वीकार करने पर विचार करेगा। ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने एक बयान में कहा कि अगर बातचीत का मकसद सैन्यीकरण के बारे में चिंताओं को हल करना है, तो वो इसके लिए तैयार है। हालांकि ईरान ने ये भी कहा कि अगर अमेरिका इसे समाप्त करना चाहता है तो इस मुद्दे पर कोई बातचीत नहीं होगी। बता दें कि ईरान के इस बयान से एक दिन पहले, ईरान के सर्वोच्च नेता अली खामेनेई ने अमेरिका के साथ वार्ता को अस्वीकार कर दिया था। खामेनेई का कहना था कि अमेरिका की मांगें ईरान के मिसाइल कार्यक्रम और क्षेत्रीय प्रभाव को सीमित करने से संबंधित होंगी, जो ईरान के लिए स्वीकार्य नहीं है।रविवार को जारी अपने बयान में ईरान ने वार्ता को लेकर स्पष्ट किया कि वह अपने परमाणु कार्यक्रम के सैन्यीकरण के बारे में बात करने को तैयार है, लेकिन उसने यह भी साफ किया कि वह अपने शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को समाप्त करने के लिए बातचीत नहीं करेगा।
मामले में ईरान के संयुक्त राष्ट्र मिशन ने कहा कि यदि वार्ता का उद्देश्य ईरान के परमाणु कार्यक्रम को शांतिपूर्ण रखने की चिंता को दूर करना है, तो वह इस पर विचार कर सकते हैं। हालांकि, मिशन ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि कोई बातचीत ईरान के शांतिपूर्ण परमाणु कार्यक्रम को खत्म करने के उद्देश्य से होगी और यह दावा करेगी कि जो काम ओबामा प्रशासन नहीं कर सका, वह अब हो चुका है, तो ऐसी बातचीत कभी नहीं होगी।
बता दें कि इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए एक नए समझौते की मांग की थी। ट्रंप चाहते थे कि वह परमाणु समझौते को बदलने के लिए दबाव डालें, जिसे उन्होंने अपने पहले कार्यकाल में छोड़ा था।
परमाणु कार्यक्रम पर शांतिपूर्ण वार्ता को तैयार
