हरिद्वार। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शनिवार को हरिद्वार स्थित पतंजलि विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं। समारोह में पहुंचने पर राष्ट्रपति का भव्य स्वागत किया गया। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न संकायों में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र-छात्राओं को स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक प्रदान कर सम्मानित किया।
दीक्षांत समारोह में अपने संबोधन के दौरान राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल ज्ञान प्राप्त करना नहीं, बल्कि चरित्र निर्माण और समाज के प्रति जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी जब अपने जीवन में आगे बढ़ें, तो वे केवल अपने लिए नहीं, बल्कि देश और मानवता के कल्याण के लिए कार्य करें।
राष्ट्रपति ने भारतीय संस्कृति और परंपराओं की ओर इशारा करते हुए कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय ने आधुनिक शिक्षा को भारतीय जीवनमूल्यों से जोड़ने का जो प्रयास किया है, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा जैसी भारतीय ज्ञान प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर प्रसारित करने की दिशा में योगदान देना चाहिए।
कार्यक्रम में पतंजलि योगपीठ के प्रमुख आचार्य बालकृष्ण, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह, और उच्च शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रपति का यह दौरा राज्य के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय ने उत्तराखंड को शिक्षा और शोध के क्षेत्र में नई दिशा दी है।
आचार्य बालकृष्ण ने राष्ट्रपति का स्वागत करते हुए कहा कि पतंजलि विश्वविद्यालय भारतीय संस्कृति और वेद परंपरा को आधुनिक विज्ञान से जोड़ने के लिए सतत प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति मुर्मू का यहां आगमन विश्वविद्यालय परिवार के लिए प्रेरणादायक है।
दीक्षांत समारोह में कुल 350 से अधिक छात्र-छात्राओं को डिग्री और पदक प्रदान किए गए। समारोह के दौरान देशभर से आए विद्यार्थियों और अभिभावकों ने राष्ट्रपति के संबोधन को ध्यानपूर्वक सुना और ‘जय भारत’ के नारों से सभागार गूंज उठा।
राष्ट्रपति मुर्मू रविवार को अपने उत्तराखंड प्रवास के अगले चरण में ऋषिकेश और देहरादून के विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी।





