नेपाल के पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र शाह ने राजधानी काठमांडो की तीनकुने में हुई हिंसात्मक घटना पर दुःख व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि नागरिक स्वतंत्रता से बड़ा कोई तंत्र नहीं हो सकता। नेपाली नववर्ष विक्रम संवत 2082 के अवसर पर जारी एक वीडियो संदेश में पूर्व नरेश ने कहा कि हाल ही में जन प्रदर्शन के दौरान जो हिंसा, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं घटीं इस पर गहरा दुःख हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि किसी भी राजनीतिक दल, वर्ग या समुदाय को अपनी धारणा और मान्यता व्यक्त करते समय संयम और जिम्मेदारी का परिचय देना चाहिए।
उल्लेखनीय है कि व्यापारी दुर्गा प्रसाईं की अगुवाई में मार्च 17 को पूर्व राष्ट्रीय पंचायत अध्यक्ष और राप्रपा नेता नवराज सुवेदी के नेतृत्व में राजतंत्र पुनर्स्थापना के लिए संयुक्त जनआंदोलन समिति का गठन किया गया था। सुवेदी ने प्रसाईं को ही जन आंदोलन समिति का कमांडर घोषित किया था। प्रदर्शन से पहले, मार्च 28 को प्रसाईं ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र से काठमांडो स्थित उनके घर निर्मल निवास में मुलाकात की थी।