Saturday, November 15, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

नेतन्याहू को मंजूर नहीं था शांति प्रस्ताव, ट्रंप ने ‘मृत बिल्ली कूटनीति’ से कराया संघर्ष विराम

वॉशिंगटन/तेल अवीव। इजरायल और हमास के बीच हाल के संघर्ष के दौरान जब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शांति प्रस्ताव पेश किया गया, तो इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू इसे स्वीकार करने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थे। सूत्रों के अनुसार, नेतन्याहू की नाराजगी के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ‘मृत बिल्ली कूटनीति’ (Dead Cat Diplomacy) की रणनीति अपनाकर संघर्ष विराम सुनिश्चित किया।
विदित हो कि ‘मृत बिल्ली कूटनीति’ एक अप्रत्याशित या चौंकाने वाली पहल के जरिए ध्यान हटाने और वार्ता की दिशा बदलने की रणनीति है। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप ने इस रणनीति के तहत इजरायल और हमास दोनों पक्षों को असमय और अप्रत्याशित कदम उठाने के लिए प्रोत्साहित किया, जिससे दोनों पक्ष बातचीत की मेज पर लौट आए।

नेतन्याहू की आपत्ति और अमेरिकी पहल
सूत्रों के अनुसार, नेतन्याहू ने शांति प्रस्ताव पर अपनी असहमति व्यक्त की थी, यह डर जताते हुए कि प्रस्ताव इजरायल की सुरक्षा चिंताओं को पर्याप्त रूप से नहीं संभालेगा। इस स्थिति में ट्रंप प्रशासन ने शांतिपूर्ण समाधान निकालने के लिए अचानक कूटनीतिक कदमों की श्रृंखला शुरू की। इसमें उच्च स्तरीय अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल की तत्परता, मीडिया में अप्रत्याशित बयानों और आपातकालीन वार्ता शामिल थी।
अमेरिकी कूटनीति ने इस दौरान एक रणनीतिक दांव खेला, जिसे विदेश नीति विशेषज्ञ ‘मृत बिल्ली’ चाल के रूप में समझा रहे हैं। इसका उद्देश्य था— विवाद को अचानक एक नए दृष्टिकोण से पेश करना ताकि विरोधाभासी रुख रखने वाले नेतन्याहू को वार्ता के लिए तैयार किया जा सके।

संघर्ष विराम और प्रतिक्रिया
इस अप्रत्याशित रणनीति के तहत इजरायल और हमास के बीच संघर्ष विराम की घोषणा हो गई। दोनों पक्षों ने 24 घंटे के भीतर आग रोकने की सहमति जताई। इजरायल में नेतन्याहू के करीबी सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री ने शुरू में प्रस्ताव को स्वीकार करने में हिचकिचाहट दिखाई, लेकिन अमेरिकी कूटनीतिक दबाव और रणनीति के चलते उन्हें इसे लागू करना पड़ा।
विशेषज्ञों का कहना है कि ट्रंप की यह चाल एक तरह से दूसरे पक्ष को अप्रत्याशित निर्णय लेने के लिए मजबूर करने वाली रणनीति थी, जिसने युद्ध विराम की दिशा में परिस्थितियों को बदल दिया। उन्होंने बताया कि यह रणनीति अक्सर विवादास्पद होती है, लेकिन यह तत्काल संकट को नियंत्रित करने में प्रभावी साबित हो सकती है।

दुनिया भर में प्रतिक्रियाएँ
संघर्ष विराम की घोषणा के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने राहत व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र और यूरोपीय संघ ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने का आह्वान किया। अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि ट्रंप प्रशासन का कदम केवल संघर्ष विराम तक सीमित नहीं था, बल्कि यह भविष्य में दो पक्षों के बीच स्थायी बातचीत की राह खोलने की दिशा में भी एक संकेत था।
निष्कर्ष
नेतन्याहू की शुरुआती नाराजगी और शांति प्रस्ताव को अस्वीकार करने की स्थिति में भी ट्रंप की ‘मृत बिल्ली कूटनीति’ ने एक अस्थायी लेकिन महत्वपूर्ण संघर्ष विराम सुनिश्चित किया। यह मामला अंतरराष्ट्रीय कूटनीति में अप्रत्याशित रणनीतियों की उपयोगिता और उनके असर का उदाहरण बन गया है।

Popular Articles