Thursday, October 23, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

नियम तोड़कर बेहिसाब खर्च करेंगे फिर भी लड़ेंगे

नियम तोड़कर बेहिसाब खर्च करेंगे और फिर भी चुनाव लड़ेंगे। चुनाव खर्च पर नियंत्रण के कानूनों ने प्रत्याशी को ये आजादी दी है। जिन प्रत्याशियों पर 2018 के निकाय चुनाव में खर्च का हिसाब न देने पर प्रतिबंध लगा था, वह इस बार चुनाव मैदान में फिर दम दिखा सकते हैं। निकायों में चुनाव खर्च की सीमा को सख्ती से लागू करने और इसका पूरा हिसाब लेने के लिए जो नियम बने हैं, वह बड़े लचीले किस्म के हैं। निकाय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी ने अगर समय से चुनाव खर्च का ब्योरा नहीं दिया तो उस पर महज तीन साल का प्रतिबंध लगता है। इस कारण 2018 में जिन प्रत्याशियों पर निर्वाचन आयोग ने प्रतिबंध लगाए थे, वे अब छह साल बाद हो रहे निकाय चुनाव में आसानी से लड़ सकते हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने इस साल भी चुनाव पूर्व नियमावली को और सख्त बनाया है। पहली बार केंद्रीय चुनाव आयोग की तर्ज पर राज्य निर्वाचन आयोग भी हर जिले में व्यय प्रेक्षक तैनात करने जा रहा है, जो प्रत्याशियों के पूरे खर्च का हिसाब लेंगे।

Popular Articles