देहरादून। नगर निकाय क्षेत्रों में अब आवारा कुत्तों की देखभाल और भोजन की व्यवस्था के लिए नई पहल शुरू की जा रही है। प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि राज्य के सभी नगर निकायों में प्रत्येक वार्ड में कुत्तों के लिए “भोजन स्थल” बनाए जाएंगे। इन स्थलों पर नियमित रूप से भोजन और पानी की व्यवस्था होगी, ताकि आवारा कुत्ते सड़कों या गलियों में खाने की तलाश में भटकने से बच सकें।
शहरी विकास विभाग के निर्देशों के अनुसार, स्थानीय निकाय इन भोजन स्थलों का निर्माण, संचालन और निगरानी सुनिश्चित करेंगे। इसके साथ ही पशु प्रेमियों, सामाजिक संगठनों और स्वयंसेवकों को भी इस अभियान से जोड़ने की योजना है। उद्देश्य है — आवारा कुत्तों के प्रति मानवीय व्यवहार को बढ़ावा देना और शहरों में मानव-पशु संघर्ष को कम करना।
निकाय अधिकारी बताते हैं कि भोजन स्थलों की पहचान वार्डवार की जाएगी, जहां साफ-सुथरी जगह पर पानी की टंकियां और फीडिंग बाउल लगाए जाएंगे। इन स्थलों की नियमित सफाई और देखरेख की जिम्मेदारी निकाय कर्मियों तथा स्थानीय स्वयंसेवी समूहों की होगी।
इसके अलावा, इच्छुक नागरिक अब आवेदन कर किसी भी आवारा कुत्ते को गोद (adopt) भी ले सकेंगे। गोद लेने वाले व्यक्ति को आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करना होगा, जैसे — कुत्ते का टीकाकरण कराना, सुरक्षित आश्रय उपलब्ध कराना और नियमित स्वास्थ्य जांच सुनिश्चित करना। निकाय इसके लिए एक ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं।
नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया, “यह पहल पशु कल्याण और शहर की स्वच्छता, दोनों के लिए अहम कदम है। आवारा कुत्तों को नियंत्रित करने का मानवीय तरीका यही है कि उन्हें भोजन, देखभाल और अपनापन मिले।”
पशु प्रेमियों ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा है कि इससे न केवल कुत्तों की सुरक्षा बढ़ेगी बल्कि लोगों में पशु दया की भावना भी विकसित होगी। निकायों ने अगले माह से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसकी शुरुआत करने की तैयारी शुरू कर दी है।





