लोकसभा चुनाव से पहले भारतीय चुनाव आयोग ने मंगलवार शाम को अजित पवार गठबंधन को असली एनसीपी का दर्जा देते हुए पार्टी का पहचान चिन्ह भी उन्हें अलॉट कर दिया। लोकसभा चुनाव से पहले इस फैसले से शरद पवार के लिए एक बड़ा झटका है। इस विषय पर उनकी बेटी और सांसद सुप्रिया सुले ने दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी की है और उन्होंने इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की बात कही है।
अजित पवार को एनसीपी का नाम और चुनाव चिन्ह मिलने पर सुप्रिया सुले ने कहा कि “मुझे लगता है कि जो शिव सेना के साथ हुआ वही आज हमारे साथ हो रहा है। इसलिए, यह कोई नया आदेश नहीं है। बस नाम हैं बदल दिए गए हैं लेकिन सामग्री वही है।”
जब सुप्रिया सुले से चुनाव आयोग के फैसले के पीछे का कारण पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि “हमारे दस्तावेज ठीक थे। इस पार्टी के संस्थापक सदस्य और संस्थापक नेता शरद पवार ही हैं। लेकिन अब माहौल कुछ और है अभी। देश में एक ‘अदृश्य शक्ति’ है जो ये सब कर रही है। हम लड़ेंगे। हम सुप्रीम कोर्ट जरूर जाएंगे।”
सुप्रिया सुले ने यह भी कहा कि “इस देश में जो ‘तोड़-मोड़’ राजनीति चल रही है, वह संविधान से परे है। जो हो रहा है वह लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है। आईसीई – इनकम टैक्स, सीबीआई, इस सरकार द्वारा ईडी का इस्तेमाल किया जा रहा है और पार्टियों और परिवारों को तोड़ा जा रहा है। यह इस देश में चल रही प्रवृत्ति है।