Tuesday, December 2, 2025

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नगालैंड स्थापना के 63 वर्ष पूरे, राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री मोदी, राहुल गांधी समेत देशभर के नेताओं ने दी बधाइयाँ

नगालैंड ने सोमवार को अपनी स्थापना के 63 वर्ष पूरे किए। इस विशेष अवसर पर पूरे देश से शुभकामनाओं और बधाइयों का सिलसिला जारी रहा। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी सहित कई राष्ट्रीय नेताओं ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई देते हुए राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और देश के विकास में उसके योगदान की सराहना की।

राष्ट्रपति ने अपने संदेश में कहा कि नगालैंड अपनी अनूठी परंपराओं, जनजातीय विविधता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के लिए जाना जाता है। उन्होंने राज्य के लोगों की मेहनत, साहस और सामाजिक एकजुटता को सराहते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। राष्ट्रपति के अनुसार, नगालैंड की संस्कृति भारत की समृद्ध एकता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्थापना दिवस पर नगालैंड के नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य ने पिछले वर्षों में शिक्षा, कनेक्टिविटी, खेल और पर्यटन के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार विकास की गति को और तेज़ करने के लिए प्रतिबद्ध है। पीएम ने कहा कि नागालैंड के युवाओं में प्रतिभा की अपार संभावनाएँ हैं और वे देश के उभरते भविष्य में अहम योगदान दे रहे हैं।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने भी सामाजिक सद्भाव और बहुसांस्कृतिक विरासत के लिए नगालैंड की सराहना की। अपने संदेश में उन्होंने कहा कि नागालैंड के लोग अपने मेहनती स्वभाव और मेहमाननवाज़ी के लिए पूरे देश में पहचान रखते हैं। उन्होंने प्रदेशवासियों को शांति, प्रगति और समृद्धि की शुभकामनाएँ दीं।

देशभर के अन्य राजनीतिक नेताओं, राज्यों के मुख्यमंत्रियों, सामाजिक संगठनों और जनप्रतिनिधियों ने भी सोशल मीडिया तथा आधिकारिक बयानों के माध्यम से नगालैंड स्थापना दिवस पर अपनी शुभकामनाएँ व्यक्त कीं। इस अवसर पर राज्य में कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिनमें पारंपरिक नृत्य, संगीत और प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहे।

नगालैंड की स्थापना वर्ष 1963 में हुई थी और तब से यह उत्तर-पूर्वी भारत के महत्वपूर्ण राज्यों में से एक के रूप में विकसित हुआ है। 63 वर्षों की इस यात्रा के दौरान राज्य ने कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन सामाजिक संवेदनशीलता, सांस्कृतिक धरोहर और सामुदायिक एकजुटता ने इसे निरंतर आगे बढ़ाया।

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