Monday, December 23, 2024

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नगर निगम में बदसलूकी करने पर मुश्किल में फंसे भाजपा विधायक जीना

देहरादून नगर निगम में नगर आयुक्त गौरव कुमार और अन्य कर्मचारियों के साथ अभद्रता करने के मामले में सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। उन पर बलवा, सरकारी कार्य में बाधा डालने, गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। मुकदमे में चार अन्य भी आरोपी हैं। बता दें कि नगर निगम चालक संघ के सचिव यशपाल सिंह ने कोतवाली में तहरीर दी थी। जिसके बाद मुकदमा दर्ज किया गया है। सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना ने मंगलवार को नगर निगम में जमकर हंगामा किया था। आरोप है कि परिचित का टेंडर निरस्त होने पर विधायक ने पहले कर्मचारियों के साथ गालीगलौज की, इसके बाद कार्यालय में घुसकर नगर आयुक्त के साथ बदसलूकी और गालीगलौज की।

हाल ही में नगर निगम की ओर से सहस्रधारा रोड स्थित लीगेसी वेस्ट को खत्म करने के लिए टेंडर डाले गए थे। टेक्निकल बिड में पांच कंपनियां ही पहुंच पाई थीं। इसमें तीन कंपनियों को मानक पूरा न करने पर बाहर दिया था। बताया जा रहा है, इसमें से एक कंपनी सल्ट से भाजपा विधायक महेश जीना के परिचित की थी। टेंडर निरस्त होने से बौखलाए विधायक समर्थकों के साथ नगर निगम पहुंचे। पहले उन्होंने सहायक आयुक्त एसपी जोशी के कक्ष में जाकर कर्मचारियों को टेंडर की फाइल दिखाने को कहा। एसपी जोशी मौके पर मौजूद नहीं थे। बताया जा रहा है कि इसके बाद उन्होंने वहां मौजूद हेड क्लर्क पवन थापा को जिसका टेंडर खुला है, उसकी फाइल दिखाने को कहा। हेड क्लर्क ने जब फाइल दिखाने से मना किया तो आरोप है कि विधायक ने पवन थापा के साथ गालीगलौज और बदतमीजी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि हेड क्लर्क जब इस बात को लेकर नगर आयुक्त कार्यालय पहुंचा तो विधायक महेश जीना भी नगर आयुक्त के कार्यालय में पहुंच गए। आरोप है कि टेंडर को लेकर उनकी नगर आयुक्त के साथ बहस हो गई।

विधायक टेंडर की फाइल और जिस कमी के कारण उनके परिचित का टेंडर निरस्त किया गया, उसके बारे में बताने को कहने लगे। जब नगर आयुक्त ने मना किया तो विधायक आक्रोशित हो गए और आरोप है कि उन्होंने नगर आयुक्त के साथ बदसलूकी शुरू कर दी। शोर सुनकर नगर निगम के कर्मचारी भी वहां पहुंच गए। कर्मचारियों के सामने भी विधायक सत्ता की हनक दिखाते रहे। बाद में और कर्मचारियों के जमा होने पर विधायक धमकी देकर वहां चले गए। नागरिकों के अनुशासन और सरकारी कर्मचारियों की सेवाओं के प्रति विश्वास को बनाए रखने के लिए भरोसेमंद और विश्वासयोग्य तंत्र बहुत महत्वपूर्ण है।

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