Saturday, March 22, 2025

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देश में हर साल 35-40 सैन्य विमान बनाए जाने की जरूरत

वायुसेना प्रमुख एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय वायुसेना स्वदेशी प्रणाली को प्राथमिकता देगी। उन्होंने कहा कि भारत में हर साल कम से कम 35-40 सैन्य विमान बनाए जाने की जरूरत है। इस लक्ष्य को हासिल करना असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिग्रहण के मामले में भारतीय वायुसेना की पहली प्राथमिकता यही है-जो भी हो स्वदेशी हो।उन्होंने कहा, मैं इस बात से पूरी तरह आश्वस्त हूं कि भले ही स्वदेशी प्रणाली थोड़ा कम प्रदर्शन वाली हो…यदि यह विश्व बाजार में मिलने वाली प्रणाली के प्रदर्शन की तुलना में 90 प्रतिशत या 85 प्रतिशत ही हो तो भी हम स्वदेशी प्रणाली को ही चुनेंगे क्योंकि यही एकमात्र तरीका है जिससे हम अपनी प्रणाली को हासिल करने के लिए हमेशा बाहर की ओर देखने से बच सकते हैं। हालांकि, इसमें समय लगेगा और इसे समर्थन की आवश्यकता होगी। इसलिए, भारतीय वायुसेना किसी भी अनुसंधान एवं विकास परियोजना के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।वायुसेना प्रमुख ने ‘चाणक्य डायलॉग्स कॉन्क्लेव’ को संबोधित करते हुए 2047 तक एक प्रमुख एयरोस्पेस शक्ति बनने का लक्ष्य निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने इस लक्ष्य की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिसमें अपने कर्मियों को अंतरिक्ष के बारे में बेहतर जानकारी देना भी शामिल है। उन्होंने कहा, ‘हम 2047 तक एयरोस्पेस शक्ति बनना चाहेंगे… हम अपने लोगों को अंतरिक्ष के प्रति जागरूक बनाने के लिए कदम उठा रहे हैं।’

भारतीय वायुसेना भारत के गगनयान मिशन में भी सक्रिय रूप से शामिल रही है, जो देश का पहला मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन है। भारत के पहले अंतरिक्ष यात्री, चार गगनॉट्स भारतीय वायुसेना के अधिकारी हैं। वायुसेना ने उनके चयन और प्रशिक्षण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एयर चीफ मार्शल ने कहा कि इस मानवयुक्त मिशन की सुरक्षा आवश्यकताओं को भारतीय वायुसेना के योगदान से तय किया गया।

गगनयान परियोजना में तीन सदस्यों की टीम को तीन दिवसीय मिशन के लिए 400 किलोमीटर की कक्षा में लॉन्च किया जाएगा। उन्हें समुद्री जल में सुरक्षित रूप से उतारकर वापस लाने की परिकल्पना की गई है। 

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