Tuesday, December 23, 2025

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ब्रह्मोस मिसाइल: यूपी के ‘डिफेंस कैपिटल’ बनने की राह, लखनऊ में तैयार हो रही दुनिया की सबसे घातक मिसाइल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश अब केवल अपनी सांस्कृतिक विरासत के लिए ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ के निर्माण केंद्र के रूप में भी पहचाना जाएगा। लखनऊ में बन रहा ब्रह्मोस एयरोस्पेस का नया केंद्र न केवल उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देगा, बल्कि भारत को दुनिया के बड़े हथियार निर्यातक देशों की कतार में भी खड़ा कर देगा।

लखनऊ में ब्रह्मोस एयरोस्पेस: कैसे शुरू हुई कहानी?

लखनऊ के अमौसी (सरोजनी नगर) इलाके में ब्रह्मोस प्रोडक्शन सेंटर की स्थापना की नींव रखी गई है। इस परियोजना के लिए प्रदेश सरकार ने बेहद कम समय में रक्षा मंत्रालय को लगभग 200 एकड़ भूमि आवंटित की। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य ब्रह्मोस के नवीनतम संस्करण ‘ब्रह्मोस-NG’ (Next Generation) का निर्माण करना है, जो वर्तमान मिसाइलों की तुलना में अधिक हल्की, घातक और अत्याधुनिक होगी।

यूपी कैसे बन रहा है देश का ‘डिफेंस कैपिटल’?

उत्तर प्रदेश के डिफेंस कैपिटल बनने के पीछे तीन मुख्य स्तंभ हैं:

  1. यूपी डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर: केंद्र सरकार ने देश में दो डिफेंस कॉरिडोर घोषित किए थे, जिनमें से एक उत्तर प्रदेश में है। इसके तहत झांसी, चित्रकूट, जालौन, अलीगढ़, आगरा और लखनऊ जैसे शहरों को रक्षा विनिर्माण के केंद्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
  2. लखनऊ बना मुख्य केंद्र: लखनऊ नोड में ब्रह्मोस एयरोस्पेस की मौजूदगी से छोटे उद्योगों (MSMEs) को भी बढ़ावा मिल रहा है। मिसाइल के कलपुर्जे बनाने के लिए आसपास सैकड़ों सहायक इकाइयां स्थापित हो रही हैं।
  3. भारी निवेश और रोजगार: ब्रह्मोस परियोजना से राज्य में ₹300 करोड़ से अधिक का प्रत्यक्ष निवेश आ रहा है। इसके साथ ही, हजारों कुशल इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों के लिए रोजगार के द्वार खुल गए हैं।

ब्रह्मोस एयरोस्पेस केंद्र की मुख्य विशेषताएं

  • ब्रह्मोस-NG का निर्माण: लखनऊ केंद्र विशेष रूप से अगली पीढ़ी की मिसाइलों पर ध्यान केंद्रित करेगा, जिन्हें सुखोई-30 MKI और एलसीए तेजस जैसे लड़ाकू विमानों पर आसानी से तैनात किया जा सकेगा।
  • दुनिया को निर्यात: यहाँ बनने वाली मिसाइलें न केवल भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना की ताकत बढ़ाएंगी, बल्कि फिलीपींस जैसे मित्र देशों को निर्यात के लिए भी यहीं से तैयार की जाएंगी।
  • अत्याधुनिक टेस्टिंग लैब: लखनऊ परिसर में ही मिसाइलों के परीक्षण और एकीकरण (Integration) के लिए हाई-टेक लैब बनाई जा रही हैं।

भविष्य की राह

रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि उत्तर प्रदेश में जिस तेजी से रक्षा बुनियादी ढांचे का विकास हो रहा है, वह दिन दूर नहीं जब भारत अपनी सैन्य जरूरतों के लिए आयात पर निर्भरता खत्म कर देगा। ब्रह्मोस एयरोस्पेस की यह इकाई यूपी को दुनिया के रक्षा मानचित्र पर एक प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग हब के रूप में स्थापित कर रही है।

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