इस बार चारधाम यात्रा के लिए चारों धाम के दुकानदारों, घोड़ा-खच्चर, कंडी संचालकों समेत सभी सेवा प्रदाता को रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) टैग मिलेंगे। वहीं, यात्रा मार्ग पर जाम की जानकारी डिजिटल बोर्ड के माध्यम से दी जाएगी, जिससे यात्री परेशान न हो। मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने शनिवार को तैयारियों की समीक्षा बैठक में ये निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने यात्रा मार्गों पर स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड व 15वें वित्त आयोग की स्वच्छता के लिए टाइड फंड से भी बजट उपलब्ध होगा। उन्होंने चारों धामों में दुकानदार एवं घोड़ा, कंडी संचालक सहित सभी प्रकार के सेवा प्रदाता के आरएफआईडी टैग बनाने के निर्देश दिए। बैठक में सचिव शैलेश बगोली, नितेश कुमार झा, सचिन कुर्वे, डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम, डॉ. पंकज पांडेय, चंद्रेश कुमार यादव, डॉ. आर राजेश कुमार, डॉ. नीरज खैरवाल, कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडेय, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी सहित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से चारधाम एवं यात्रा मार्गों से संबंधित जिलों के डीएम व अन्य अधिकारी शामिल हुए। मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा मार्गों में दुर्घटनाओं, भू-स्खलन आदि के कारण लगने वाले जाम की जानकारी यात्रियों को रास्ते में ही मिल जाए। इसका मेकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए यात्रा मार्गों पर डिजिटल डिस्प्ले बोर्ड लगाए जाएं। जो यह जानकारी देंगे कि किस स्थान पर कौन सी घटना घटी है, जिससे जाम लगा है। उन्होंने इसके लिए सचिव लोक निर्माण विभाग को व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा। कहा जब तक यह व्यवस्था धरातल पर उतरती है, तब तक बल्क एसएमएस और बल्क वॉट्सएप मैसेज के माध्यम से यह जानकारी उपलब्ध दी जाए। उन्होंने संभावित भू-स्खलन क्षेत्रों का उपचार शीघ्र करने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सचिव युगल किशोर पंत से देहरादून से केदारनाथ, सचिव डॉ. आर राजेश कुमार से बदरीनाथ यात्रा मार्ग, सचिव डॉ. बीवीआरसी पुरुषोत्तम से गंगोत्री धाम और डॉ. नीरज खैरवाल से यमुनोत्री धाम की तैयारियों के संबंध में फीडबैक लिया। उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सचिवों से प्राप्त सुझावों का अनुपालन करते अथवा कमियों को दुरूस्त किया जाए। यूपीसीएल को भी धामों में लो-वॉल्टेज की समस्या को दुरुस्त करने को कहा।