हरिद्वार। शहर में बढ़ते प्रदूषण और सड़क अवसंरचना पर बढ़ते दबाव को देखते हुए हरिद्वार प्रशासन ने बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों पर ग्रीन सेस लगाने का निर्णय लिया है। यह व्यवस्था दिसंबर से लागू हो जाएगी। नगर निगम और परिवहन विभाग ने इसके लिए तैयारियां पूर्ण कर ली हैं। शहर की सीमाओं पर हाई-रिजॉल्यूशन कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो बाहरी नंबर वाले वाहनों की पहचान कर स्वचालित रूप से सेस वसूली की प्रक्रिया संचालित करेंगे।
अधिकारियों के अनुसार, हरिद्वार में प्रतिदिन बड़ी संख्या में यूपी, दिल्ली, हरियाणा और अन्य राज्यों से वाहन प्रवेश करते हैं। त्योहार और पर्यटन सीजन में इनकी संख्या कई गुना बढ़ जाती है, जिससे ट्रैफिक दबाव और प्रदूषण स्तर दोनों प्रभावित होते हैं। ग्रीन सेस का उद्देश्य इन चुनौतियों को नियंत्रित करना और पर्यावरण संरक्षण के लिए अतिरिक्त राजस्व जुटाना है।
कैमरा-आधारित स्वचालित वसूली प्रणाली
नगर निगम अधिकारियों ने बताया कि बॉर्डर चेक-पोस्ट पर लगाए जा रहे कैमरे वाहन नंबर प्लेट स्कैन करेंगे और डेटाबेस से मिलान कर यह निर्धारित करेंगे कि वाहन पर सेस लागू होगा या नहीं। इसके बाद वाहन मालिक को शुल्क का ऑनलाइन नोटिफिकेशन भेजा जाएगा।
प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया है।
राजस्व का उपयोग
ग्रीन सेस से प्राप्त राशि का उपयोग वायु गुणवत्ता सुधार, हरियाली बढ़ाने, सड़क रख-रखाव और शहर के पर्यावरण प्रबंधन कार्यों में किया जाएगा। प्रशासन का मानना है कि यह कदम हरिद्वार को अधिक स्वच्छ, सुरक्षित और यातायात की दृष्टि से बेहतर बनाएगा।
नियमों का पालन नहीं किया तो लगेगा जुर्माना
परिवहन विभाग ने बाहरी राज्यों के वाहन चालकों से अपील की है कि वे नई व्यवस्था की जानकारी रखें और बॉर्डर पर लगाए जा रहे संकेतक बोर्डों का पालन करें।
नियम लागू होने के बाद सेस भुगतान किए बिना शहर में प्रवेश करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।





