मुंबई। दिवाली को लेकर दिए गए विवादित बयान के चलते एनसीपी (अजित पवार गुट) के विधायक संग्राम जगताप मुश्किल में पड़ गए हैं। उनके बयान ने न केवल राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, बल्कि पार्टी नेतृत्व को भी असहज स्थिति में डाल दिया है। अब उपमुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख अजित पवार ने इस मामले पर कड़ा रुख अपनाते हुए कहा है कि विधायक को जल्द ही “कारण बताओ नोटिस” जारी किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, अहमदनगर जिले के विधायक संग्राम जगताप ने एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान दिवाली को लेकर ऐसा बयान दिया, जिसे कई लोगों ने आपत्तिजनक और असंवेदनशील बताया। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही विपक्षी दलों ने उन पर निशाना साधा। कांग्रेस और शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) ने कहा कि एनसीपी नेता समाज में गलत संदेश फैला रहे हैं।
इस पूरे विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने शनिवार को कहा, “संग्राम जगताप का बयान पार्टी की आधिकारिक सोच को बिल्कुल भी नहीं दर्शाता। अगर किसी बयान से समाज की भावना आहत होती है तो वह अस्वीकार्य है। उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा।” पवार ने यह भी स्पष्ट किया कि पार्टी अनुशासन और मर्यादा के मामलों में कोई ढिलाई नहीं बरतेगी।
पार्टी सूत्रों के अनुसार, एनसीपी की अनुशासन समिति इस मामले की जांच करेगी और विधायक से सात दिनों के भीतर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा। यदि उनका जवाब संतोषजनक नहीं हुआ, तो उन पर संगठनात्मक कार्रवाई की जा सकती है।
इस बीच, संग्राम जगताप ने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि उनके शब्दों को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है और उनका उद्देश्य किसी की भावना आहत करना नहीं था। उन्होंने कहा, “मैंने सिर्फ यह कहा था कि दिवाली का असली अर्थ समाज में प्रकाश फैलाना है, न कि दिखावा करना। मेरे बयान को गलत संदर्भ में लिया गया।”
हालांकि, पार्टी नेतृत्व इस मुद्दे को गंभीर मान रहा है क्योंकि दिवाली से ठीक पहले दिए गए ऐसे बयान ने राजनीतिक विवाद को हवा दे दी है। अब सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि एनसीपी नेतृत्व उनके खिलाफ क्या कदम उठाता है।





