देहरादून। रोशनी और आतिशबाजी के त्योहार दिवाली पर जहां पूरा शहर जगमगाता है, वहीं अग्निशमन विभाग के लिए यह रात सबसे बड़ी चुनौती बनकर आती है। हर साल की तरह इस बार भी विभाग ने संभावित आग की घटनाओं से निपटने की तैयारी तेज कर दी है। फायर टेंडरों की कमी के कारण इस बार पुलिस विभाग के दो वाटर कैनन भी फायर फ्लीट में शामिल किए गए हैं।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी अभिनव त्यागी ने बताया कि दिवाली की रात आग की घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी देखी जाती है। सामान्य दिनों में जहां रोजाना दो से चार आग लगने की घटनाएं दर्ज होती हैं, वहीं पिछली दिवाली की रात 39 कॉल्स प्राप्त हुई थीं। इस बार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
वाटर कैनन भी दमकल बेड़े में शामिल
पुलिस के वाटर कैनन सामान्यतः प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए उपयोग किए जाते हैं, लेकिन इस बार अग्निशमन विभाग ने उन्हें आग बुझाने के लिए तैयार रखा है। प्रत्येक वाटर कैनन में 5,000 लीटर पानी की क्षमता है, और हौज रील लगाने के बाद इन्हें आग बुझाने में कारगर बनाया गया है। विभाग ने इन्हें फिलहाल फायर स्टेशन में तैनात किया है ताकि आवश्यकता पड़ने पर तुरंत उपयोग में लाया जा सके।
शाम से सुबह तक बढ़ जाती हैं घटनाएं
अग्निशमन विभाग के आंकड़ों के अनुसार, दिवाली की रात शाम आठ बजे से सुबह तक आग की घटनाओं की कॉल्स सबसे ज्यादा आती हैं। ज्यादातर आगजनी की घटनाएं आतिशबाजी, पटाखों के अनुचित प्रयोग या चाइनीज लाइट्स के कारण होती हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए विभाग ने जनजागरूकता अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत बाजारों और शिक्षण संस्थानों में नुक्कड़ नाटक, रैली और प्रदर्शन के माध्यम से लोगों को आग से बचाव के उपाय बताए जाएंगे।
पटाखों की बिक्री पर भी अलर्ट
विभाग जल्द ही प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर यह तय करेगा कि जिले में पटाखों की बिक्री किन स्थानों पर होगी और वहां अग्निशमन इंतजाम कैसे रहेंगे। दिवाली के दौरान दून शहर में आठ प्रमुख स्थानों—धर्मपुर, पटेलनगर, सहस्रधारा क्रॉसिंग, दिलराम चौक, घंटाघर, कोतवाली और प्रेमनगर—पर फायर टेंडर तैनात रहेंगे।
शहर में 81 हाइड्रेंट दुरुस्त, जांच पूरी
अग्निशमन विभाग ने बताया कि अंग्रेजों के जमाने की हाइड्रेंट व्यवस्था अब भी उपयोगी है। इस व्यवस्था के तहत सड़कों के किनारे लगे हाइड्रेंट से तुरंत पानी प्राप्त कर आग बुझाई जाती है। पिछले वर्ष तक जिले में 67 हाइड्रेंट थे, जो अब बढ़कर 81 हो गए हैं। हाल में सभी की जांच पूरी कर ली गई है। ये सभी 22 से अधिक ओवरहेड टैंकों से जुड़े हैं, जिनसे पानी की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी।
हाइड्रेंट की लोकेशन:
- देहरादून – 23
- ऋषिकेश – 19
- मसूरी – 12
- सेलाकुई – 2
- डोइवाला – 2
- विकासनगर – 23
सिर्फ सात स्थायी फायर टेंडर उपलब्ध
वर्तमान में देहरादून के पास सात स्थायी फायर टेंडर हैं, जिनकी क्षमता 3,000 से 7,000 लीटर तक है। इनमें तीन मध्यम श्रेणी के टेंडर, एक फोम टेंडर, एक मल्टीपर्पज टेंडर और दो मिनी हाई-प्रेशर टेंडर शामिल हैं। इसके अलावा, संकरी गलियों में आग बुझाने के लिए विभाग के पास दो मोटरसाइकिल बैकपैक भी हैं।
अन्य संस्थानों से भी ली जाएगी मदद
दमकल विभाग को ओएनजीसी, सर्वे ऑफ इंडिया, ऑर्डिनेंस फैक्टरी, गेल समेत कई केंद्रीय संस्थानों की फायर सेवाओं से भी सहयोग मिलता है। बड़े अग्निकांड की स्थिति में उत्तर प्रदेश सीमा से सटे इलाकों से भी फायर टेंडर मंगाए जाते हैं।
विभाग को हाल ही में दो नए फायर टेंडर प्राप्त हुए हैं, जिनमें एक सात हजार लीटर क्षमता वाला और दूसरा बहुउद्देशीय टेंडर है। विभाग मार्च या अप्रैल तक और नए टेंडर तथा उपकरण खरीदने की प्रक्रिया पूरी करेगा।
मुख्य अग्निशमन अधिकारी त्यागी ने बताया कि विभाग का लक्ष्य न केवल आग पर काबू पाना है, बल्कि लोगों को आग से बचाव के प्रति जागरूक करना भी है। दिवाली के मद्देनजर विशेष सतर्कता बरती जा रही है ताकि हर नागरिक सुरक्षित रूप से त्योहार मना सके।





