Thursday, March 13, 2025

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दिल्ली चुनाव नतीजे से तय होगा INDIA ब्लॉक का भविष्य

लोकसभा चुनाव के बाद अस्तित्व पर उठ रहे सवालों के बीच विपक्ष के इंडी गठबंधन का भविष्य दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे के बाद तय हो जाएगा। गठबंधन के नेतृत्व के सवाल पर पहले से जारी खींचतान के बीच दिल्ली चुनाव में आप और कांग्रेस का एक-दूसरे के खिलाफ खम ठोंकने व सपा, शिवसेना के साथ टीएमसी का आप के पक्ष में खड़ा होने से टकराव बढ़ गया है।वहीं, चुनाव प्रचार में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल के बीच सोमवार को पहली बार शुरू हुई तीखी जुबानी जंग ने गठबंधन में तकरार को और बढ़ा दिया है। दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर भाजपा से मिलीभगत का आरोप लगाया है।गठबंधन के नेतृत्व के मुद्दे पर शुरू हुई यह लड़ाई अब गठबंधन के अस्तित्व का सवाल बन गई है। टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी की गठबंधन के नेतृत्व की इच्छा जताने के बाद सपा, शिवसेना यूबीटी, राजद और एनसीपी (शरद) ने कांग्रेस के खिलाफ मोर्चा खोला था। अब दिल्ली चुनाव के दौरान गठबंधन के अस्तित्व को लेकर कई क्षेत्रीय दल अलग-अलग बयान दे रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने जहां गठबंधन को खत्म करने की वकालत की, वहीं राजद के तेजस्वी यादव ने कहा कि यह गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था।

नतीजे कुछ भी आएं विपक्षी गठबंधन में तकरार बढ़ना निश्चित है। अगर आप सत्ता बचाने में कामयाब रही तो क्षेत्रीय दलों का कांग्रेस पर गठबंधन का नेतृत्व छोडने का दबाव और बढ़ेगा। अगर आप सत्ता बरकरार नहीं रख पाई तो आप और उसके साथ खड़े दल कांग्रेस पर भाजपा के लिए राज्य में सत्ता की राह खोलने का आरोप लगाएंगे। चूंकी आप का जन्म कांग्रेस के मूल वोट बैंक की कीमत पर हुआ है। ऐसे में कांग्रेस जितना मजबूत होगी, आप उतनी ही कमजोर होगी।

दरअसल, कांग्रेस के लिए आप बड़ी चुनौती बनती जा रही है। इसने पहले दिल्ली में और फिर पंजाब में कांग्रेस से उसके ही वोट बैंक के सहारे सत्ता छिनी। जिस गुजरात में 2017 के चुनाव में कांग्रेस ने 43 फीसदी वोट के साथ 77 सीटें जीतीं, वहीं 2022 के चुनाव में उसका मतप्रतिशत गिरकर 28 फीसदी और सीटें महज 17 पर आ गईं। इस चुनाव में आप ने 13 प्रतिशत वोट और पांच सीटें हासिल की थीं।

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