कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर आरोप लगाया कि ये संगठन दलित-बहुजन इतिहास को मिटाना चाहते हैं। राहुल गांधी का यह बयान तब आया है, जब केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) ने फिल्म ‘फुले’ के जाति से जुड़े कुछ दृश्यों को हटाने के निर्देश दिए। राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, भाजपा-आरएस के नेता एक तरफ फुले को दिखावटी श्रद्धांजलि देते हैं और दूसरी तरफ उनके जीवन पर बनी फिल्म को सेंसर कर रहे हैं। महात्मा (ज्योतिराव) फुले और सावित्रीबाई फुले ने जातिवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरा जीवन समर्पित कर दिया, मगर सरकार उस संघर्ष और ऐतिहासिक तथ्यों को पर्दे पर नहीं आने देना चाहती। उन्होंने आगे कहा, भाजपा-आरएसएस हर कदम पर दलित-बहुत इतिहास को मिटाना चाहती है, ताकि जातीय भेदभाव और अन्य की असली सच्चाई सामने न आ सके। यह विवाद तब सामने आया, जब सीबीएफसी ने फुले के निर्माताओं को फिल्म जारी करने से पहले कुछ दृश्यों को हटाने का निर्देश दिया, जिनमें जातिवाद से जुड़े शब्द शामिल थे। फिल्म आज ज्योतिराव फुले की जयंती के अवसर पर रिलीज होने वाली थी। इस बीच, महाराष्ट्र के पुणे में वंचित बहुजन आघाड़ी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने सीबीएफसी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि अगर फिल्म से ये दृश्य हटा दिए गए तो फिल्म का मकसद ही समाप्त हो जाएगा। ‘फुले’ फिल्म का निर्देशन अनंत महादेवन ने किया है, जिसमें प्रतीक बब्बर ने ज्योतिराव फुले और पत्रलेखा ने सावित्रीबाई फुले का किरदार निभाया है। यह कहानी उनके जातिवाद और लिंग भेदभाव के खिलाफ संघर्ष को उजागर करती है।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार की रोजगार से जुड़ी प्रोत्साहन (ईएलआई) योजना को एक और जुमला करार दिया। राहुल ने एक पोस्ट में कहा, ईएलआई योजना की घोषणा किए लगभग एक साल हो गया, लेकिन सरकार ने इसे परिभाषित भी नहीं किया है और इसके लिए आवंटित 10,000 करोड़ वापस कर दिए हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि इससे पता चलता है कि प्रधानमंत्री मोदी बेरोजगारी को लेकर कितने गंभीर हैं।