मनीला / बीजिंग / नई दिल्ली।
दक्षिण चीन सागर में तनाव एक बार फिर बढ़ गया है। चीन के तटरक्षक बल (Coast Guard) ने सोमवार को फिलीपींस के सरकारी जहाज को निशाना बनाते हुए आक्रामक कार्रवाई की। बताया जा रहा है कि चीनी जहाज ने पानी की तेज बौछार (Water Cannon Attack) से फिलीपीनी पोत को निशाना बनाया, जिससे जहाज को नुकसान पहुंचा और चालक दल के कुछ सदस्य घायल हो गए।
फिलीपींस सरकार ने इस घटना को “खतरनाक और उकसाने वाली कार्रवाई” बताते हुए तीव्र विरोध दर्ज कराया है। मनीला ने कहा कि उसका जहाज दक्षिण चीन सागर के अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में नियमित मिशन पर था, जब चीन की तटरक्षक नौकाओं ने रास्ता रोका और हमला किया।
फिलीपींस ने उठाई अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग
फिलीपींस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह घटना “स्पष्ट रूप से अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन” है। विदेश मंत्रालय ने बीजिंग में चीनी दूतावास को औपचारिक कूटनीतिक विरोध पत्र (Diplomatic Protest) सौंपा है। फिलीपीनी अधिकारियों ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आग्रह किया है कि वह दक्षिण चीन सागर में चीन के एकतरफा दावों और बढ़ती आक्रामकता के खिलाफ आवाज उठाए।
फिलीपींस नौसेना के प्रवक्ता ने कहा, “हमारा पोत अपने क्षेत्रीय जल में था, किसी भी प्रकार का उल्लंघन नहीं हुआ। चीन की कार्रवाई समुद्री सुरक्षा और स्थिरता के लिए गंभीर खतरा है।”
चीन ने दी सफाई, कहा– हमारी संप्रभुता का उल्लंघन
वहीं, चीन ने अपने बचाव में कहा कि फिलीपींस का जहाज “चीन की संप्रभुता का उल्लंघन” कर रहा था। बीजिंग ने दावा किया कि वह क्षेत्र चीन का “नौटिकल अधिकार क्षेत्र” है और उसकी तटरक्षक इकाइयों ने “कानूनी और आवश्यक कार्रवाई” की है।
हालांकि अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून (UNCLOS) के अनुसार, यह इलाका फिलीपींस के विशेष आर्थिक क्षेत्र में आता है, जिस पर चीन का दावा विवादास्पद है।
अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिक्रिया
अमेरिका ने इस घटना की निंदा करते हुए कहा कि वह फिलीपींस के साथ खड़ा है और दक्षिण चीन सागर में “आवागमन की स्वतंत्रता” सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। अमेरिकी विदेश विभाग ने चेतावनी दी कि चीन की ऐसी हरकतें क्षेत्र में “अस्थिरता और संघर्ष की आशंका” बढ़ा रही हैं।
जापान, ऑस्ट्रेलिया और यूरोपीय संघ ने भी चीन से संयम बरतने और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सम्मान करने की अपील की है।
लगातार बढ़ रहा तनाव
यह पहली बार नहीं है जब चीन और फिलीपींस के बीच दक्षिण चीन सागर में टकराव हुआ हो। हाल के महीनों में यह क्षेत्र कई बार सैन्य और नौसैनिक झड़पों का गवाह बन चुका है। चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है, जबकि फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया और ब्रुनेई जैसे देशों के भी इन क्षेत्रों पर अधिकार का दावा है।
निष्कर्ष
चीन के तटरक्षक बल की यह ताजा कार्रवाई दक्षिण चीन सागर में तनाव की नई लहर लेकर आई है। फिलीपींस ने साफ कहा है कि वह अपनी संप्रभुता की रक्षा करेगा और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर इस मुद्दे को जोरदार ढंग से उठाएगा। वहीं, विशेषज्ञों का मानना है कि यदि चीन अपने रुख में बदलाव नहीं करता, तो आने वाले दिनों में एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भू-राजनीतिक तनाव और बढ़ सकता है।





