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तेलंगाना में बस किराया बढ़ोतरी को लेकर सियासी टकराव तेज, बीआरएस नेता केटीआर नजरबंद

हैदराबाद। तेलंगाना में बस किराये में बढ़ोतरी को लेकर राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। विपक्षी भारतीय राष्ट्र समिति (BRS) ने गुरुवार को राज्य सरकार के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन की योजना बनाई थी, लेकिन प्रदर्शन से पहले ही पुलिस ने पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष और पूर्व मंत्री केटी रामा राव (K.T. Rama Rao) को उनके आवास पर नजरबंद कर दिया।

बीआरएस नेताओं का आरोप है कि सरकार विरोधी प्रदर्शन को रोकने के लिए केटीआर के घर के बाहर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पार्टी का कहना है कि रेवंत रेड्डी सरकार लोगों की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है और शांतिपूर्ण प्रदर्शन के अधिकार को छीन रही है।

सोशल मीडिया पर जताया विरोध

केटी रामा राव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स’ (X) पर अपनी नाराजगी जाहिर की। उन्होंने पोस्ट किया—

“मैं सिर्फ इतना करना चाहता था कि शांति से एक आरटीसी बस में सवार होकर एमडी कार्यालय जाऊं और बस किराये में हुई भारी बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग वाला पत्र सौंप दूं। लेकिन मेरे घर के बाहर इतने पुलिसकर्मी तैनात हैं—क्या ये सब मुझे बस में चढ़ने से रोकने के लिए हैं? काश पुलिस हैदराबाद में बढ़ते अपराधों को रोकने में भी इतनी ही तत्परता दिखाती।”

केटीआर की इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई और बीआरएस समर्थकों ने राज्य सरकार पर लोकतांत्रिक अधिकारों के दमन का आरोप लगाया।

सरकार के खिलाफ ‘चलो बस भवन’ मार्च की तैयारी

बीआरएस ने गुरुवार को “चलो बस भवन” नामक विरोध मार्च का आह्वान किया था। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता राज्य सड़क परिवहन निगम (RTC) के मुख्यालय तक रैली निकालने की योजना बना रहे थे। यह प्रदर्शन राज्य सरकार द्वारा हाल ही में बस किरायों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में था।

बीआरएस नेताओं का कहना है कि महंगाई पहले से ही लोगों की कमर तोड़ चुकी है और अब बस किराया बढ़ाकर सरकार ने आम जनता पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। पार्टी ने चेतावनी दी है कि यदि सरकार ने फैसला वापस नहीं लिया, तो राज्यभर में विरोध आंदोलन तेज किया जाएगा।

सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने

राज्य की सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार और बीआरएस के बीच यह टकराव अब सियासी जंग का रूप ले चुका है। बीआरएस ने सरकार पर पुलिस का दुरुपयोग करने और विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाया है, जबकि सत्ता पक्ष का कहना है कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।

फिलहाल, केटी रामा राव की नजरबंदी और “चलो बस भवन” अभियान के रोक दिए जाने से तेलंगाना की राजनीति में नया उबाल आ गया है। विश्लेषकों का कहना है कि यह विवाद आने वाले स्थानीय निकाय चुनावों से पहले बीआरएस और कांग्रेस के बीच बढ़ते सियासी संघर्ष की झलक है।

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