तेलंगाना सरकार आज यानी 14 अप्रैल से डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के दिन से एससी श्रेणीकरण कानून लागू करने जा रही है। यह जानकारी राज्य के सिंचाई एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री एन उत्तम कुमार रेड्डी ने रविवार को दी। यह कदम देश में अपनी तरह का पहला है और इसे सुप्रीम कोर्ट की मंजूरी के बाद लागू किया जा रहा है।
तेलंगाना में अनुसूचित जातियों को मिलने वाले 15% आरक्षण को तीन भागों में बांट दिया गया है, ताकि सबसे पिछड़े वर्गों को अधिक न्याय मिल सके। रविवार को इस कानून को लागू करने से पहले, सचिवालय में कैबिनेट की सब-कमेटी की अंतिम बैठक हुई। इसमें मंत्री डामोदर राजा नरसिम्हा, सीतक्का, पोनम प्रभाकर, जस्टिस शमीम अख्तर, वेलफेयर सचिव श्रीधर, लॉ सचिव तिरुपति और अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। इस बैठक में गाइडलाइन्स और आदेश को अंतिम रूप दिया गया। यह आदेश मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को पहले सौंपा जाएगा, फिर सार्वजनिक रूप से जारी किया जाएगा।
मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि यह एक दशकों पुरानी मांग थी, जिसे न तो संयुक्त आंध्र प्रदेश में और न ही तेलंगाना बनने के बाद किसी सरकार ने कानूनी रूप से लागू किया। उन्होंने बताया कि वे खुद 1999 से हर विधानसभा सत्र में इस मुद्दे को उठते हुए देख रहे हैं, लेकिन अब जाकर कांग्रेस सरकार ने इसे हकीकत बनाया। उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय के पीछे कांग्रेस पार्टी की सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्धता और राष्ट्रीय नेतृत्व, खासकर राहुल गांधी का समर्थन शामिल है। यह कानून 18 मार्च को तेलंगाना विधानसभा में सर्वसम्मति से पास हुआ और इसके बाद राज्यपाल जिष्णु देव वर्मा ने भी मंजूरी दे दी।
जस्टिस अख्तर आयोग ने एससी वर्ग के भीतर भी आर्थिक आधार पर ‘क्रीमी लेयर’ लागू करने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। मंत्री उत्तम कुमार रेड्डी ने कहा कि सरकार का मकसद सभी समूहों को न्याय दिलाना है, किसी को बाहर नहीं करना। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसी भी मौजूदा लाभ को कम नहीं किया जाएगा, बल्कि इस वर्गीकरण से न्यायसंगत वितरण को बढ़ावा मिलेगा। फिलहाल तेलंगाना में एससी आरक्षण 2011 की जनगणना के अनुसार 15% है, लेकिन एससी जनसंख्या अब लगभग 17.5% हो चुकी है। इसलिए सरकार 2026 की जनगणना के बाद आरक्षण बढ़ाने पर भी विचार करेगी।
तेलंगाना में आज से लागू होगा एससी श्रेणीकरण कानून
