कोयंबटूर (तमिलनाडु) — प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज तमिलनाडु के कोयंबटूर में दक्षिण भारत प्राकृतिक खेती शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-Kisan) योजना की 21वीं किस्त जारी की। इस किस्त के अंतर्गत देश भर करीब 9 करोड़ किसानों को कुल ₹18,000 करोड़ सीधे उनके बैंक खातों में स्थानांतरित किए गए।
आर्थिक सहायता और वितरण का स्वरूप
- इस किस्त में हर लाभार्थी किसान को ₹2,000की राशि दी गई है।
- पीएम-किसान योजना के तहत, पात्र किसानों को हर साल कुल ₹6,000दिए जाते हैं, जो तीन बराबर किस्तों (इन्सटॉलमेंट) में बांटे जाते हैं।
- भुगतान “डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (DBT)” प्रणाली के माध्यम से किया गया, जिससे राशि सीधे किसानों के बैंक खातों में जमा हुई है।
प्राकृतिक खेती पर जोर और दी गई दिशा
प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर कहा कि भारत जैविक (नेचुरल) खेती को भविष्य की दिशा के रूप में देख रहा है और इसे “वैश्विक केंद्र” बनाने का लक्ष्य रखा गया है। शिखर सम्मेलन का मुख्य फोकस टिकाऊ, पर्यावरण-अनुकूल और रसायन-मुक्त कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देना है। इस सम्मेलन में 50,000 से अधिक किसान, प्राकृतिक कृषि के विशेषज्ञ, जैविक इनपुट सप्लायर्स, वैज्ञानिक और अन्य स्टेकहोल्डर्स भाग ले रहे हैं।
- मोदी ने कहा कि प्राकृतिक खेती न सिर्फ खेतों में, बल्कि मार्केट लिंक अप, प्रोसेसिंग, पैकेजिंग और स्थानीय उत्पादन तक विस्तार कर सकती है।
- वे यह सुनिश्चित करने की बात भी कर रहे हैं कि किसान-प्रोड्यूसर संगठनों और ग्रामीण उद्यमियों को जैविक कृषि के बाजार में बेहतर पहुंच मिले।
प्रतिक्रिया और महत्व
- केंद्र सरकार इस किस्त को किसान कल्याण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ करने की अपनी प्रतिबद्धता के रूप में देख रही है।
- इस कार्यक्रम में तमिलनाडु के राज्यपाल (RN रवि) सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद रहे।
- प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की यह पहल न सिर्फ पर्यावरण के लिहाज से महत्वपूर्ण है, बल्कि किसानों की आर्थिक स्थिरता और आत्मनिर्भरता को भी मजबूत कर सकती है।





