Monday, December 29, 2025

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तमिलनाडु: चार नाबालिगों ने प्रवासी मजदूर पर किया जानलेवा हमला, पीड़ित की हालत नाजुक; पुलिस ने आरोपियों को लिया हिरासत में

चेन्नई/तिरुपुर। तमिलनाडु में एक सनसनीखेज घटना के तहत चार नाबालिग किशोरों ने एक प्रवासी मजदूर पर बर्बरतापूर्वक हमला कर दिया। इस हमले में मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गया है, जिसे उपचार के लिए नजदीकी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए हमले में शामिल चारों नाबालिगों को पहचान कर उन्हें हिरासत में ले लिया है।

मामूली विवाद के बाद हुआ हमला

पुलिस के अनुसार, यह घटना उस समय हुई जब प्रवासी मजदूर अपने काम से वापस लौट रहा था। बताया जा रहा है कि रास्ते में किसी छोटी सी बात को लेकर मजदूर और इन नाबालिगों के बीच कहासुनी हो गई थी। देखते ही देखते विवाद इतना बढ़ गया कि किशोरों ने मजदूर पर डंडों और धारदार वस्तुओं से हमला कर दिया। स्थानीय लोगों ने जब शोर सुना और मौके पर पहुंचे, तब तक आरोपी वहां से फरार हो चुके थे।

पीड़ित की स्थिति और चिकित्सा सहायता

घायल मजदूर, जो मूल रूप से उत्तर भारत का रहने वाला बताया जा रहा है, के सिर और शरीर के अन्य हिस्सों पर गंभीर चोटें आई हैं। अस्पताल के डॉक्टरों के मुताबिक, अत्यधिक खून बह जाने के कारण उसकी स्थिति वर्तमान में ‘क्रिटिकल’ बनी हुई है और उसे सघन चिकित्सा इकाई (ICU) में निगरानी में रखा गया है। अस्पताल प्रशासन और जिला प्रशासन पीड़ित के परिजनों से संपर्क करने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिस की कार्रवाई और जांच

घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी। सीसीटीवी फुटेज और प्रत्यक्षदर्शियों के बयान के आधार पर पुलिस ने कुछ ही घंटों के भीतर चारों संदिग्ध नाबालिगों को ट्रैक कर लिया।

  • हिरासत: चारों आरोपियों को जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के समक्ष पेश किया जा रहा है।
  • धाराएं: आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।
  • सुरक्षा: इस घटना के बाद क्षेत्र में प्रवासी मजदूरों के बीच व्याप्त डर को देखते हुए पुलिस ने गश्त बढ़ा दी है।

प्रवासी मजदूरों की सुरक्षा पर उठे सवाल

तमिलनाडु में पिछले कुछ समय से प्रवासी मजदूरों और स्थानीय समूहों के बीच छिटपुट टकराव की खबरें आती रही हैं। इस ताजा घटना ने एक बार फिर बाहरी राज्यों से आकर काम करने वाले श्रमिकों की सुरक्षा और उनके प्रति स्थानीय युवाओं के व्यवहार पर सवाल खड़े कर दिए हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने मांग की है कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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