Sunday, April 27, 2025

Top 5 This Week

Related Posts

डिजिटल कर खत्म करने सहित 35 संशोधनों के साथ बजट पास

आम बजट-2025 को संसद ने बृहस्पतिवार को मंजूरी दे दी। राज्यसभा ने 35 संशोधनों के साथ वित्त विधेयक को लोकसभा को लौटा दिया। इनमें ऑनलाइन विज्ञापनों पर 6 फीसदी डिजिटल कर हटाना भी शामिल है। इसके साथ ही संसद में एक फरवरी से शुरू बजट प्रक्रिया पूरी हो गई। राज्यसभा ने विनियोग विधेयक (3) को भी ध्वनिमत से पारित किया। इससे पहले लोकसभा ने 25 मार्च को वित्त विधेयक और 21 मार्च को विनियोग विधेयक को मंजूरी दी थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, वित्त मंत्रालय की प्रवृत्ति सावधानी बरतने और राजस्व को हाथ से नहीं जाने देने की होगी। उन्होंने कहा, हमने 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई कर नहीं लगाने की दिशा में कदम बढ़ाया है। बजट में कुल 50.65 लाख करोड़ रुपये के व्यय का अनुमान है, जो चालू वित्त वर्ष की तुलना में 7.4 प्रतिशत ज्यादा है।अगले वित्त वर्ष के लिए प्रस्तावित पूंजीगत व्यय 11.22 लाख करोड़ और प्रभावी पूंजीगत व्यय 15.48 लाख करोड़ रुपये है। इसमें 42.70 लाख करोड़ का सकल कर राजस्व संग्रह और 14.01 लाख करोड़ रुपये के सकल ऋण का प्रस्ताव है। एक अप्रैल से शुरू होने वाले वित्त वर्ष के लिए केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए 5,41,850.21 करोड़ रुपये तय किए गए हैं। चालू वित्त वर्ष के लिए यह राशि 4,15,356.25 करोड़ रुपये है। आप्रवास और विदेशियों विषयक विधेयक पर चर्चा के दौरान कुछ विपक्षी सांसदों ने दावा किया कि कुछ प्रावधान आव्रजन अधिकारियों को मनमाने अधिकार देते हैं। इस बिल को विस्तृत जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति के पास भेजा जाना चाहिए। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि इसके प्रावधान विदेशियों की कुछ श्रेणियों को कानून से छूट देने के लिए मनमाने अधिकार देते हैं। उन्होंने विवाद की स्थिति में आव्रजन अधिकारी के फैसले को अंतिम और बाध्यकारी बताने वाले प्रावधान की भी आलोचना की। कहा, इसका मतलब यह है कि इसमें कोई अपील नहीं है, कोई तर्क नहीं है और कोई वकील नहीं है। अमेरिका में आव्रजन जज होते हैं, कनाडा में आव्रजन एवं शरणार्थी बोर्ड है, जो अपील के लिए रास्ते उपलब्ध कराता है। यहां ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई। एकमात्र उपाय संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट का रुख करना है।

तृणमूल सांसद सौगत राय के समृद्ध देशों में अवैध प्रवास के तर्क को गृह मंत्री अमित शाह ने खारिज कर दिया। कहा, भारत ने हमेशा अच्छे विचार से आने वालों का स्वागत किया और दुनिया में जहां भी भारतवंशी गए, वहां की संस्कृति, परंपरा में घुल गए। तोड़ने का नहीं, जोड़ने का काम किया। उन्होंने इब्न बतूता से लेकर अब्दुल रज्जाक, सीयस, लुआर्टे बार्बोस, फ्रांस्वा बर्नियर के भारत आने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि बुद्धघोष यहां से चीन गए और पाली ग्रंथों का अनुवाद किया, मार्शल आर्ट का प्रसार किया। महात्मा गांधी अफ्रीका गए और जिस साम्राज्य का कभी सूरज अस्त नहीं होता था, उसे घुटने टिकाने का काम किया। लाला हरनाथ, द्वारकानाथ, सुंदर पिचाई, कल्पना चावला, सत्या नडेला, सुनीता विलियम्स ने भारत की संस्कृति को विस्तार दिया। वर्तमान में 1.72 करोड़ भारतवंशी संस्कृति का दुनिया में विस्तार कर रहे हैं।

Popular Articles