Wednesday, August 27, 2025

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ट्रंप टैरिफ से निपटने के लिए भारत ने खोला डिप्लोमेटिक चैनल

वॉशिंगटन/नई दिल्ली।
भारत ने अमेरिका के साथ व्यापारिक तनाव कम करने और ऊर्जा सहयोग बढ़ाने के लिए कूटनीतिक प्रयास तेज कर दिए हैं। अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने हाल ही में अमेरिकी सांसदों और सीनेटरों से मुलाकात कर संतुलित और आपसी फायदे वाले रिश्तों पर जोर दिया।

सांसदों से मुलाकात

क्वात्रा ने अमेरिकी सांसद जोश गॉटथीमर के साथ बैठक में तेल और गैस क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा कि बातचीत संतुलित व्यापारिक रिश्तों और ऊर्जा सहयोग पर केंद्रित रही।
इससे पहले क्वात्रा ने टेक्सास के सीनेटर जॉन कॉर्निन और सांसद एंडी बैर से भी मुलाकात की। इन बैठकों में खासकर हाइड्रोकार्बन व्यापार और वित्तीय सहयोग पर विचार-विमर्श हुआ।

रूसी तेल को लेकर अमेरिकी नाराज़गी

कूटनीतिक प्रयासों के बीच अमेरिका से भारत पर आलोचना भी तेज हो गई है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने रूस से तेल खरीद को लेकर भारत पर अतिरिक्त टैरिफ की चेतावनी दी है।
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि भारत “क्रेमलिन का लॉन्ड्रोमैट” बन गया है और रूसी तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को फंडिंग दे रहा है।

भारत के पक्ष में आवाजें भी

हालांकि, अमेरिका के भीतर भारत के समर्थन में भी स्वर उठे हैं। पूर्व यूएन राजदूत निक्की हेली ने चेतावनी दी कि भारत-अमेरिका रिश्तों को नुकसान पहुंचाना “रणनीतिक आपदा” होगा। उन्होंने ट्रंप को प्रधानमंत्री मोदी से सीधे संवाद करने की सलाह दी।
वहीं, अर्थशास्त्री जेफ्री सैक्स ने ट्रंप टैरिफ को “अमेरिका की विदेश नीति के खिलाफ कदम” बताते हुए इसे आत्मघाती करार दिया।

आगे की राह

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार और ऊर्जा सहयोग की बातचीत जारी है। लेकिन रूसी तेल पर अमेरिकी आपत्तियों ने रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। क्वात्रा की सक्रियता यह दिखाती है कि भारत टकराव से बचकर रिश्तों को संतुलित करने की कोशिश में जुटा है। आने वाले हफ्ते यह तय करेंगे कि कूटनीतिक कोशिशें कितनी सफल होती हैं।

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