Thursday, March 20, 2025

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ट्रंप कैबिनेट की पहली बैठक

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कैबिनेट बैठक के दौरान यह साफ कर दिया कि वह यह नहीं बताएंगे कि उनका प्रशासन चीन को ताइवान पर कब्जा करने से रोकने के लिए क्या कदम उठाएगा। जब पत्रकारों ने उनसे इस बारे में सवाल किया, तो उन्होंने कहा, ‘मैं इस पर कभी टिप्पणी नहीं करता – मैं कुछ भी नहीं कहता, क्योंकि मैं खुद को ऐसी स्थिति में नहीं डालना चाहता।’ अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस बयान के बाद चीन ने अमेरिका पर ताइवान के मुद्दे पर अपनी नीति में गंभीर बदलाव करने का आरोप लगाया। हाल ही में अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट से हम ताइवान की स्वतंत्रता का समर्थन नहीं करते वाला वाक्य हटा दिया, जिससे चीन नाराज हो गया।  हालांकि, ट्रंप ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से अपने बेहतरीन संबंध होने की बात कही और कहा कि हम चीन के साथ अच्छे रिश्ते बनाए रखेंगे, लेकिन वह हम पर हावी नहीं हो सकेगा।

इसी बीच, चीन की सेना ने अमेरिका पर ताइवान जलडमरूमध्य में खतरनाक गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया है। दरअसल, 12 फरवरी को अमेरिकी नौसेना के दो युद्धपोत ताइवान स्ट्रेट से गुजरे थे। चीन की सेना ने इसे गलत संदेश करार दिया और कहा कि इससे क्षेत्र की सुरक्षा को खतरा बढ़ेगा। डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद यह पहली बार था जब अमेरिकी नौसेना ने ताइवान स्ट्रेट से इस तरह की गश्त की। यह मुद्दा अमेरिका और चीन के बीच लंबे समय से तनाव का कारण बना हुआ है, और आने वाले दिनों में इस पर और बयानबाजी हो सकती है।

बता दें कि, ताइवान जलडमरूमध्य 180 किलोमीटर चौड़ा समुद्री क्षेत्र है, जिसे चीन अपनी सीमा मानता है, जबकि संयुक्त राष्ट्र के समुद्री कानून के अनुसार, किसी भी देश का समुद्री क्षेत्र उसकी तटरेखा से केवल 22 किलोमीटर तक माना जाता है।

 

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